मेरठ में अगर कूड़ा कलेक्शन हो रहा है तो ट्रांसफार्मरों पर कूड़े का ढेर कैसे लगा
मेरठ (ब्यूरो)। नगर निगम के दायरे में 90 वार्ड आते हैैं और निगम दावा भी कर रहा है कि सभी वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम बदस्तूर जारी है। मगर निगम के सफाई कर्मचारियों की लापरवाही के चलते मोहल्लों में पावर सप्लाई के लिए लगे ट्रांसफार्मर अस्थाई कूड़ा स्थल में तब्दील हो गए हैैं। इतना ही नहीं, किसी दिन ट्रांसफार्मर से निकली एक चिंगारी इस लापरवाही को हादसे में बदल देगी। इसी के चलते कुलदीप शर्मा ने ट्विटर पर सीएम से लेकर पावर चेयरमैन और डीएम तक को ट्वीट कर ट्रांसफार्मरों पर लगे कूड़े के ढेरों के निस्तारण की मांग की है।
ट्रांसफार्मर बने कूड़ा स्थल
गौरतलब है कि सालभर नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण के नाम पर सफाई का दावा करता है। इसके साथ ही नगर निगम की डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन गाडिय़ों एक एक गली से कूड़ा एकत्र करने का दावा करती हैं। इस सब के बाद भी शहर का ऐसा कोई एक मोहल्ला या सड़क नहीं होगा, जहां ट्रांसफार्मर के अगल-बगल में कूड़े का ढेर न लगा हो। एक तरह से शहर के ट्रांसफार्मर आसपास की गलियों के स्थाई कूड़ा स्थल बन चुके हैं।
हो सकता है हादसा
गर्मियों के सीजन में आए दिन ओवरलोडिंग या अन्य कारणों से ट्रांसफार्मर में फॉल्ट आते रहते हैं। इतना ही नहीं, कभी-कभार कूड़े के ढेर में ही कुछ लोग आग लगा देते हैं। ऐसे में इस दोनों कारणों से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। आग से न सिर्फ ट्रांसफार्मर को नुकसान पहुंच सकता है बल्कि आसपास के एरिया की पावर सप्लाई बाधित हो सकती है। इसके बाद भी नगर निगम की गाडिय़ां मेन रोड पर लगे इन कूड़े के ढेर को साफ करने तक की जहमत नहीं उठाती है।
कुलदीप शर्मा हमने कई बार अपने क्षेत्र के सफाई कर्मचारियों से कूड़ा उठाने के लिए कहा लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। माह में एक बार भी ढंग से सफाई नहीं होती है।
हरीओम कहीं भी नगर निगम के डस्टबिन मौजूद नहीं है। जिसकी वजह से लोग आसपास कहीं भी कूड़ा डाल देते हैैं। ट्रांसफार्मर पर लगे कूड़े के ढेर किसी दिन हादसे का सबब बन सकता है।
रवि
अगर रोजना नगर निगम की गाड़ी कूड़ा उठाने आए तो सारी समस्या ही खत्म हो जाएगी। मोहल्ले में कहीं भी दूर-दूर तक निगम के डस्टबिन दिखाई नहीं देते हैैं।
सुरेश
हरपाल सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम