पता नहीं मेरठ शहर के नसीब में मायूसी ही लिखी है या मुस्कुराना भी लिखा है
मेरठ (ब्यूरो)। शहर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए कई मॉडल बनाए गए थे। कबाड़ से जुगाड़ के तहत भी कई मॉडल शहर की खूबसूरती को बढ़ा रहे थे। कबाड़ से जुगाड़ के इन मॉडल की तारीफ प्रधानमंत्री मोदी ने भी की थी। हालांकि, कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक रहा। पर रखरखाव न होने से वे फिर कबाड़ में तब्दील हो गए।
सोशल मीडिया पर कराया सर्वेशहर की सुंदरता को बढ़ाने वाले इन मॉडल की हालत इन दिनों दयनीय है। निगम की लापरवाही और रखरखाव में हीलाहवाली को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सोशल मीडिया पर सर्वे कराया। सोशल मीडिया के फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्विटर, टेलीग्राम आदि प्लेटफॉर्म पर शहरवासियों ने अपने विचार रखे। इसमें करीब 200 शहरवासियों ने अपने विचार रखे।
सेल्फी प्वाइंट हुए बेकार
शहर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए ल्फी पाइंट और वेलकम प्वाइंट बनाए गए थे। मकसद था कि शहर के सौंदर्यीकरण में चार चांद लगाए जाएं। पर ये सब कुछ दिन ही चला। अब अधिकतर सेल्फी पाइंट की बत्ती गुल हो चुकी है। कई जगह सेल्फी प्वाइंट तो धूल फांक रहे हैं।
नही चला कबाड़ से जुगाड़
नगर निगम ने स्टोर रूम में पड़े खराब ड्रम और ट्रैक्टरों के पहिए से शहर में जगह जगह सुंदर सजावट की थी। रोड साइट, चौराहों पर पार्क में इन स्क्रैप से मॉडल बनाए थे। पर देखरेख न होने से वे फिर कूड़े में ही तब्दील हो गए।
हां- 83
नहीं- 10
पता नहीं- 7 मेरठ में कबाड़ से जुगाड़ के तहत बनाए गए मॉडल क्या रखरखाव की वजह से खराब हो गए
हां- 77
नहीं- 11
पता नहीं- 12 शहर में बनाए गए सेल्फी प्वाइंट का रखरखाव ठीक नहीं है
हां- 82
नहीं- 8
पता नहीं- 10 पीएम मोदी ने मेरठ के कबाड़ से जुगाड़ प्रयोग की तारीफ की थी, इसलिए यहां पर नए नए और प्रयोग होने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जबकि इन मॉडल्स की देखभाल करनी चाहिए।
अदिति चंद्रा निगम की ओर से रखरखाव न होने से कबाड़ से जुगाड़ अभियान के तहत बनाए गए मॉडल बदहाल हो गए हैं
मुकेश मित्तल कुछ स्थानों पर अभी मॉडल्स की हालत अच्छी है। उनकी देखरेख होनी चाहिए।
आशा शर्मा हां जी, कुछ तो भीड़ में खो गए हैं जैसै ईव्ज चौराहा और बागपत अड्डे के मॉडल्स
संजीव अग्रवाल
कबाड़ से जुगाड़ के तहत बनाए गए मॉडल फिर से कूड़े में डालने लायक हैं।
अरविंद शर्मा
मनीष जैन शहर को सुंदर बनाने के लिए कई मॉडल्स बनाए गए थे। जोर शोर से उनका प्रचार भी हुआ था, लेकिन कुछ दिनों में ही वे बेमानी से हो गए।
राहुल भारद्वाज नगर निगम प्लान तो बहुत सही बनाता है। कबाड़ से जुगाड़ के तहत मॉडल्स भी अच्छे बनाए गए थे, लेकिन देखरेख न होने से वे फिर कबाड़ हो गए हैं।
अवनीश शहर को सुंदर बनाने में हम सभी का योगदान जरूरी है। निगम ने मॉडल तो अच्छे बनाए थे, पर उनकी देखरेख करनी चाहिए थी, वे हमारी शहर की पहचान हैं
लावन्या