एचएसआरपी तो लागू कर दिया, लेकिन इंट्रेस्ट बहुत कम है
मेरठ ब्यूरो। वैसे तो ट्रैफिक रूल्स के पालन और वाहनों की सख्त निगरानी के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट यानि एचएसआरपी सिस्टम को लागू किया गया था। अब दो साल का समय भी बीत चुका है। बावजूद इसके, एचएसआरपी व्यवस्था अभी भी सुचारू से संचालित नहीं हो सकी है। हालत यह है कि आज भी जिले में 20 हजार से अधिक वाहन बिना एचएसआरपी के दौड़ रहे हैं।
दो साल पहले शुरू हुई थी योजनागौरतलब है कि वाहनों के लिए एचएसआरपी योजना दो साल पहले शुरू हुई थी। मकसद था कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट से न सिर्फ वाहनों की समूची निगरानी रहे, बल्कि ट्रैफिक सिस्टम भी सुचारू रूप से चलता रहे। हालत यह है कि यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए आईटीएमएस लागू है। बावजूद इसके एचएसआरपी के लिए वाहन चालकों की गंभीरता नही दिखा रहे हैं।
अभी तक अधूरी व्यवस्थाएं
वैसे तो प्रदेश सरकार ने 30 सितंबर 2021 से जिले में एचएसआरपी को अनिवार्य किया है। अब दो साल बीत चुके हैं, अभी भी जिले में 17 हजार वाहन ऐसे हैं, जिन पर एचएसआरपी नहीं लगी है। हालांकि, ट्रैफिक पुलिस का दावा है कि शहर के आईटीएमएस चौराहों पर बिना एचएसआरपी वाहनों के चालान भी किए जा रहे हैं। बावजूद इसके, वाहन चालक गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।
- अगर वाहन स्वामी चार पहिया वाहन की नंबर प्लेट घर मंगवाना चाहते हैं तो 250 रुपये और दो पहिया वाहन स्वामी को 125 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।
एचएसआरपी के लिए लगातार चालान कर कार्रवाई की जा रही है। अब संख्या तेजी से एचएसआरपी लगवाने वालों की संख्या बढ़ रही है।- कुलदीप सिंह, एआरटीओ