आवास विकास की जागृति विहार एक्सटेंशन योजना संख्या 11 में प्रतिकर और भूखंड की मांग को लेकर 9 माह से किसान धरने पर बैठे थे. किसानों के धरने के चलते आवंटियों को अपने भवन पर कब्जा नहीं मिल पा रहा था. मगर अब आवास विकास ने किसानों और आवंटियों को राहत देने का फैसला ले लिया है.


मेरठ (ब्यूरो)। आवास विकास की जागृति विहार एक्सटेंशन योजना संख्या 11 में प्रतिकर और भूखंड की मांग को लेकर 9 माह से किसान धरने पर बैठे थे। किसानों के धरने के चलते आवंटियों को अपने भवन पर कब्जा नहीं मिल पा रहा था। मगर अब आवास विकास ने किसानों और आवंटियों को राहत देने का फैसला ले लिया है। इस मुद्दे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने प्रमुखता से उठाया था। विवाद पर संज्ञान लेते हुए कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने आवास विकास से 10 दिनों के अंदर मामले की पूरी रिपोर्ट तलब की थी। कमिश्नर का पत्र जारी होते ही आवास विकास हरकत में आ गया और अब किसानों को मनाने में जुट गया है। ताकि वह अपना धरना खत्म करें और आवंटियों को उनके भवन पर कब्जा मिल सके।

ये है मामला
दरअसल जागृति विहार एक्सटेंशन योजना सरायकाजी, काजीपुर, कमालपुर, घोसीपुर और मेरठ कस्बे की जमीन पर बनी है। जागृति विहार एक्सटेंशन योजना को विकसित करने के लिए साल 2010 से पहले सरायकाजी और काजीपुर की दर एक-एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, कमालपुर की 800 रुपये, घोसीपुर की 600 रुपये प्रति वर्ग मीटर दर पर जमीन ली गई थी। जून 2014 को 228वीं बोर्ड बैठक में सभी ग्रामों की किसानों को 100 रुपये बढ़ाते हुए अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद से किसानों ने भी बढी हुई राशि के हिसाब से मुआवजे और योजना में अपने भूखंड की मांग शुरु कर दी थी। जिसको लेकर किसान पिछले साल 13 जुलाई से एक्सटेंशन में ही धरने पर बैठे हुए है और योजना में सभी प्रकार के विकास कार्य और आवंटन पर रोक लगाई हुई है।

219 भूखंडों का आवंटन
वहीं दूसरी तरफ किसानों के धरने के चलते एक्सटेंशन में भवन का आवंटन प्राप्त कर चुके आवंटी अपने भवन पर कब्जा नही ले पा रहे हैं। अब मेरठ कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने आवंटियों की इस समस्या को संज्ञान में लेते हुए पूरे विवाद और निस्तारण पर 10 दिन में रिपोर्ट तलब की है। कमिश्नर का पत्र जारी होते ही आवास विकास ने किसानों को भूखंड देने की प्रक्रिया भी शुरु कर दी है। इसके तहत आवास विकास किसानों को एक्सटेंशन के सेक्टर 2 और 8 में 219 प्लॉट का चयन किया है। इसके लिए आवास विकास इन प्लॉटों की रिपोर्ट मुख्यालय भेज कर फाइनल कराने में जुट गया है। जल्द ही इसके लिए मुख्यालय में प्रजेंटेशन के बाद भूखंड का आवंटन फाइनल किया जाएगा।

कोटस-
पहले अपना बढ़ा हुआ प्रतिकर 660 रु/वर्ग मीटर लेंगे उसके बाद 6 प्रतिशत विक्षित भूखण्ड के प्लॉट किसान लेंगे। जब तक किसानो को उनका बढ़ा हुआ प्रतिकर नही दिया जाएगा तब तक धरना जारी रहेगा।
- संदीप भड़ाना

आवास विकास बार बार जो ये 5 प्रतिशत जमीन देने की जो ये बात कर रहा है ये जब तक 660 रु प्रतिकर ओर 6 प्रतिशत जमीन के प्लॉट नही मिल जाते तब किसान धरने से नही उठेंगे ओर ना ही किसी को भी यंहा कब्जा लेने देंगे।
- ज्ञानेंद्र

किसानो का धरना प्रतिकर और भूखंड मिलने तक जारी रहेगा। क्योंकि योजना और मुख्यालय तक प्रस्ताव को आवास विकास कई बार भेज चुका है लेकिन समाधान आज तक नही हुआ।
- सर्वेद्र गुर्जर

जब तक प्रतिकर और भूखंड नही मिलेगा एक्सटेंशन में कोई भी विकास कार्य नही होने दिया जाएगा। ओर ना ही किसी आवंटी को मकानो पर कब्जा लेने देंगे। पहले किसानो को प्रतिकर चाहिए उसके बाद 6 प्रतिशत विकसित भूखंड।
- विकास बैंसला

वर्जन
किसानों को प्रतिकर और भूखंड के आंवटन पर विचार चल रहा है। मुख्यालय रिपोर्ट भेजी हुई है जल्द इस विवाद का निपटारा किया जाएगा।
- राजीव कुमार, एसई आवास विकास

Posted By: Inextlive