76 बदमाशों की खोली हिस्ट्रीशीट
लूट, डकैती, हत्या और गोकशी समेत गंभीर अपराधों में लिप्त बदमाशों की खोली गई हिस्ट्रीशीट
हिस्ट्रीशीटरों के खिलाफ कार्रवाई करेगी पुलिस, कसा जाएगा कानूनी शिकंजा क्राइम कंट्रोल करने के लिए शहर से लेकर देहात तक सभी बदमाशों पर रखी जा रही है नजरMeerut । क्राइम कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने अब पुलिस ने नए सिरे से काम करना शुरू कर दिया है। पुलिस अब बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोलने पर पूरी तरह से जोर दे रही है। शहर से लेकर देहात तक 76 बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोली गई है। खास बात यह है कि सबसे ज्यादा हिस्ट्रीशीट लिसाड़ी गेट, देहली गेट, ब्रहमपुरी, टीपी नगर, सदर बाजार के बदमाशों की खोली गई है। हिस्ट्रीशीट खोलने के साथ ही इन पर नजर रखने के निर्देश भी एसएसपी ने सीओ और इंस्पेक्टर को दिए है। जो भी जमानत पर आने के बाद फिर से गलत काम में लिप्त होगा, उस पर फिर से कार्रवाई होगी। सभी की मॉनिटरिंग होगी। इसके लिए एसएसपी अजय साहनी ने आदेश जारी कर दिए है।
बढ़ रहीं हैं वारदातशहर में लगातार क्राइम की वारदातें हो रही है, जिनको कंट्रोल कर पाने में पुलिस पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। जिसमें डकैती, लूट, गौकशी, शराब तस्करी, एनडीपीएस एक्ट में तमाम बदमाशों के खिलाफ मेरठ में कार्रवाई की जा चुकी है, लेकिन उनकी हिस्ट्रीशीट नहीं खोली गई थी। एसएसपी ने कुछ दिन पहले आदेश दिए थे जिनके खिलाफ भी एक से ज्यादा मुकदमे दर्ज है, उनकी हिस्ट्रीशीट खोलकर कार्रवाई की जाए। मेरठ में 32 थानों में 76 बदमाशों की हिस्ट्रीशीट को खोला गया है। एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि सबसे ज्यादा हिस्ट्रीशीट लिसाड़ी गेट, देहली गेट, ब्रहमपुरी, टीपी नगर, सदर बाजार, नौचंदी, मेडिकल इंचौली समेत कई थानों में सबसे ज्यादा हिस्ट्रीशीट खोली गई है। एसएसपी ने सभी थानेदारों को सख्ती से निर्देश दिए है कि जहां-जहां बदमाश जमानत पर छूटकर बाहर आ गए है, उनकी सूची तैयार की जाए, इसके बाद वह हिस्ट्रीशीटर क्या कर रहे है उनकी जानकारी कर उनकी मॉनीटरिंग की जानी चाहिए। इससे यह पता चल सकेगा कि जमानत पर छूटने के बाद फिर से तो अपराध में हिस्ट्रीशीटर लिप्त तो नहीं हो गया है। इन सब पर निगरानी के लिए एलआईयू के साथ-साथ सीओ और थानेदार को तैनात किया गया है। जो भी लापरवाही बरतेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
क्या होती है हिस्ट्रीशीटएडवोकेट उपदेश शर्मा के मुताबिक ऐसा व्यक्ति जो अपराध किया हो उस पर दो से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो उसकी हिस्ट्रीशीट खोली जा सकती है। अपराधी का सारा रिकॉर्ड पुलिस अपने पास रखती है, वह अपराधी घोषित होने के बाद भी लगातार अपराध कर रहा हो तो ऐसे व्यक्ति को हिस्ट्रीशीटर घोषित कर दिया जाता है। पुलिस इसको हिस्ट्रीशीट में शामिल कर लेती है।