बिना चीरा लगाए बंद किया दिल का छेद
मेरठ ब्यूरो। मेडिकल कॉलेज में बिना चीरा लगाए़ 2 बच्चियों के दिल का छेद बंद किया गया। ये बच्चियां पेटेंट डक्टस आर्टेरियोसस बीमारी से पीडि़त थी। मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ। वीडी पांडेय ने बताया की जनपद निवासी लक्षी (2 वर्ष) और एंजल (2 वर्ष) नाम की 2 बच्चियों के दिल में जन्मजात छेद था। जिसे मेडिकल की भाषा में पेटेंट डक्टस आर्टेरियोसस कहते हैं। बच्चियों के हृदय के दो चेंबरों का खून आपस में मिल रहा था। शुद्ध खून अशुद्ध खून से मिलने के कारण बच्चियों को सांस लेने में परेशानी होती थी और वो रोते रहती थी। इतना ही नहीं, ठीक से मां का दूध भी नहीं पी पाते थे और जल्दी थक जाती थी। साथ ही बार-बार बच्चियों को रिस्पिरेटरी इंफेक्शन हो जाता था।आईसीयू में मनाया जन्मदिन
लक्षी की मां क्षय रोग से ग्रसित हैं। डॉक्टरों ने मरीज को मां से दूर रखने कि सलाह दी। लक्षी की बुआ और चाचा लक्षी का ख्याल रख रहे थे। 7 जून को लक्षी का जन्मदिन था और लक्षी आईसीयू में भर्ती थी। हृदय रोग विभाग के डॉ। शशांक पांडेय और डॉ सीबी पांडेय ने बच्ची का जन्मदिन आईसीयू में ही मनाया। इसके बाद 9 जून को डॉ। शशांक पांडेय एवं उनकी टीम ने लक्षी और एंजल के दिल का छेद बीना चीरा लगाए बंद किया गया। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ। आरसी गुप्ता ने डॉ। शशांक पांडेय एवं उनकी टीम को सफल ऑपरेशन करने के लिए बधाई दी।