एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड मिले तो बनेंगे हॉकी के हीरो
- शासन से कई बार कर चुके हैं एस्ट्रोटर्फ की मांग
- मेरठ से भी निकल चुके हैं अनेक नेशनल खिलाड़ी Meerut । भारतीय खेल हॉकी को निखारने के लिए मेरठ के खिलाडि़यों को एस्ट्रोटर्फ की ग्राउंड मिले तो हॉकी के हीरो बनेंगे। यदि वह मिल जाए तो मेरठ से भी मेजर ध्यानचंद जैसे खिलाड़ी निकल सकते हैं और मेरठ का नाम रोशन कर सकते हैं। एस्ट्रोटर्फ के लिए कोच कई बार शासन से मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक मांग पूरी नहीं हुई है। वहीं दूसरी तरफ शनिवार को जूनियर वर्ल्ड कप जीतने पर खिलाडि़यों को नई उम्मीदें भी जगी हैं। खिलाडि़यों की करते हैं मददहॉकी कोच प्रदीप चिन्योटी गरीब खिलाड़ी बच्चों की मदद करते हैं। इस साल प्रदीप चिन्योटी ने करीब बीस खिलाडि़यों को एनएएस कॉलेज की ओर से हॉकी दिलवाई थी। वह सुबह और शाम हॉकी खिलाडि़यों को कोचिंग देते हैं।
जूनियर हॉकी टीम द्वारा वर्ल्ड कप जीतने पर काफी खुशी हुई। लेकिन यहां पर यदि एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड मिल जाता तो हम भी इंडियन वूमेन हॉकी टीम के सदस्य होते। ममता यादव हॉकी प्लेयरहॉकी की टीम पर जीतती है तो खुशी तो होती है चाहे फिर वह वर्ल्ड कप हो या फिर कोई और मैच। इंडियन वूमेन हॉकी टीम का कैंप हमने भी किया है। लेकिन यहां पर सुविधा नहीं है।
वंदना कटारिया हॉकी प्लेयर शहर में सुविधा नहीं है। एक भी ग्राउंड ऐसा नहीं है जिसमें एस्ट्रोटर्फ लगा हुआ हो। मेरठ में एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड की बहुत आवश्यकता है। शिवनी शर्मा हॉकी प्लेयर हॉकी के ग्राउंड का मेंटीनेंस नहीं किया जाता है और न ही कोई अच्छा ग्राउंड है। मेरठ में भी एक अच्छे ग्राउंड की जरूरत है। प्रभा रानी हॉकी प्लेयर एस्ट्रोटर्फ को लेकर अनेक बार मांग कर चुके हैं। लेकिन उसके लिए फिर अलग से ग्राउंड होना चाहिए। यदि ग्राउंड में एस्ट्रोटर्फ लग जाए तो मेरठ इंडियन टीम को बहुत खिलाड़ी दे सकता है। सोनम हॉकी प्लेयर हॉकी हमारा नेशनल खेल है। मेरठ में एक से एक बढि़या खिलाड़ी हैं। यहां से नेशनल स्तर पर बहुत खिलाड़ी खेले हैं। यह तब है जब यहां पर एस्ट्रो टर्फ ग्राउंड नहीं है। प्रदीप चिन्योटी हॉकी कोच