3 माह पहले वन महोत्सव अभियान के तहत 30 लाख से अधिक पौधे रोपे गए थे. जिनमें से लाखों पौधे चार दिन की बरसात में बह गए।

मेरठ (ब्यूरो)। सितंबर के बाद अक्टूबर माह में भी पानी इस कदर बरस रहा है कि शहर की हरियाली बहा ले जा रहा है। गौरतलब है कि तीन माह पहले वन महोत्सव अभियान के तहत जिले में 30 लाख से ज्यादा पौधे लगाए गए थे। मगर लगातार हो रही बारिश के दौरान उनमें से लाखों पौधे बर्बाद हो गए। अब कहा जा सकता है कि जिले की हरियाली को 2.67 से 33 प्रतिशत के मानक तक पहुंचाने की वन विभाग की मंशा पर इस बार बारिश ने पानी फेर दिया है।

विभाग ने नहीं ली सुध
चार दिन तक जारी रही बरसात के बाद स्थिति यह है कि खुले मैदान या शहर की ग्रीन बेल्ट में लगे पौधे बरसात की तेज बौछारों से उखड़ चुके हैं या पानी में बह गए हैं। विवि रोड स्थित ग्रीन बेल्ट में लगे पौधों का तो अता-पता ही नहीं है। आवास विकास की जागृति विहार एक्सटेंशन योजना में हजारों की संख्या में पौधे उखड़ चुके हैं। इतना ही नहीं, बारिश रुक जाने के बाद भी वन विभाग ने इस मामले की कोई सुध नहीं ली है। वन विभाग के इसी रवैये के चलते काली नदी के किनारे लगे हजारों पौधे झाडिय़ों में गुम हो चुके हैं।

28 विभागों को जिम्मेदारी
दरअसल, जुलाई माह में वन महोत्सव अभियान के तहत वन विभाग समेत 28 विभागों को 30.5 लाख पौधों को रोपने का लक्ष्य शासन की ओर से दिया गया था। जानकारी के मुताबिक अधिकतर विभागों ने अपनी तय जगह पर पौधारोपण कर खानापूर्ति कर दी थी। हालांकि अभी तक विभागों ने अपने द्वारा किए गए पौधारोपण की डिटेल वन विभाग को उपलब्ध नहीं कराई है।

जिओ टैगिंग भी अधूरी
हरियाली का दायरा बढ़ाने के लिए प्रत्येक ग्राम सभा, ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका व नगर निगम चयनित स्थलों पर अमृत वन स्थापित कर फोटो के साथ रियल टाइम जिओ टैगिंग करने का काम किया जाना था। लेकिन अभी तक शत-प्रतिशत जियो टैगिंग भी नहीं हो सकी है। एक-एक पौधे की लोकेशन इसमें दर्ज होगी। किसने विभाग ने कितना पौधा लगाया, पौधा सड़क से कितनी दूरी पर है, पौधे की प्रजाति, फोटो, स्थल पर कितने पौधे और जियो टैगिंग सटीक और पारदर्शिता के अनुसार होगी। इसके साथ ही हरीतिमा एप के जरिए जिओ टैगिंग वाले पौधों को अपलोड किया जाना था। मगर यह अपलोडिंग भी अभी पूरी नहीं हो सकी है। इस एप के जरिए इसे गूगल अर्थ पर आसानी से पौधों की स्थिति पर नजर रखी जा सकेगी। साथ ही पौधों की बेरिकेडिंग भी की जानी जरूरी थी जो कि नहीं हो सकी।

आंकड़े एक नजर में
बीते सालों में हुआ पौधारोपण
साल पौधरोपण
2021-22- 32.58 लाख पौधे
2020-21- 29.24 लाख पौधे
2019-20- 24.66 लाख पौधे
2018-19- 19.32 लाख पोधे
2017-18- 9.50 लाख पौधे

मेरठ का वन क्षेत्र
2559 वर्ग किमी कुल भू-भाग
00 वर्ग किमी अति घना वन क्षेत्र
34 वर्ग किमी मध्यम घना वन क्षेत्र
34.4 वर्ग किमी खुला वन क्षेत्र
68.4 वर्ग किमी कुल वन क्षेत्र
2.66 फीसदी कुल क्षेत्रफल पर वन

वन महोत्सव के तहत सार्वजनिक स्थलों और सरकारी व निजी कार्यालयों में पौधरोपण कर हरियाली को बढ़ाने का प्रयास किया गया था। कितना पौधरोपण हुआ, सभी विभागों से इसका रिकार्ड मांगा गया है। अब बरसात के बाद संबंधित विभाग को नोटिस भेजकर ये जांच कराई जाएगी कि कितने पौधे बर्बाद हुए हैं।
राजेश कुमार, डीएफओ

Posted By: Inextlive