मिला मौका, अब दिखाएंगे टैलेंट
मेरठ, (ब्यूरो)। इंडिया की अंडर-19 टीम में चयन के बाद समीर चौधरी का अब सैयद मुस्ताक अली ट्रॉफी के लिए सिलेक्शन हुआ है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से समीर ने बताया कि वह अपना आइडल एल राहुल को मानते हैं। उन्होंने कहा अभ्यास ही खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा अहम है। खास बात यह है कि समीर चौधरी सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर के साथ श्रीलंका में खेल चुके हैं। क्रिकेट में मेरठ को एक और उपलब्धि मिली है ।रोहटा रोड स्थित सलाहपुर गांव निवासी समीर चौधरी का इंडिया की अंडर-19 टीम में चयन हुआ था। अब उनका सिलेक्शन मुस्ताक ट्राफी के लिए हुआ है इसके लिए वो लगातार प्रैक्टिस कर रहे हैं। परिजनों के मुताबिक समीर चौधरी दस साल की उम्र से भामाशाह पार्क में क्रिकेट की प्रैक्टिस कर रहा था। पिता परविंदर चौधरी विद्युत निगम में प्राइवेट कांट्रेक्टर हैं। चार भाई- बहनों में दूसरे नंबर के समीर चौधरी ने क्रिकेट के शौक के चलते दसवीं कक्षा के बाद पढ़ाई नहीं की। समीर बायें हाथ के बल्लेबाज हैं।
कड़ी मेहनत का नतीजा
कोच संजय रस्तोगी ने बताया कि यह समीर की दस वर्ष की कड़ी मेहनत का नतीजा है जो आज उनका सिलेक्शन हुआ है। सीमर ने बताया कि वो इस समय टे्रनिंग में जुटे हुए है, चार को मैच है, इसके लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं, सात से आठ घंटा रोज प्रैक्टिस कर रहे हैं, एक की फ्लाइट है।
बैटिंग से बेहतर करने की चाहत
अंडर-19 क्रिकेट वल्र्ड कप में इंडिया टीम के कैप्टन बन चुके प्रियम गर्ग मेरठ के किला परीक्षितगढ़ निवासी है। वो अभी आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेल चुके है। दायें हाथ के शानदार बल्लेबाज को आईपीएल में मौका मिल चुका है। तभी से उन पर हर किसी की नजरें टिकी हुई है। अंडर-19 क्रिकेट वल्र्ड कप में प्रियम गर्ग बतौर कप्तान रहे चुके है। जाहिर है कि आईपीएल 2020 की नीलामी में प्रियम को इसका फायदा मिला था। अब एक बार फिर से उनको सैयद मुश्ताक ट्रॉफी में सिलेक्शन से मौका मिला है। उन्हें बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। कोच संजय रस्तोगी ने बताया कि प्रियम गर्ग से उनको बहुत ही उम्मीदें है, यकीनन वो बेहतर करके दिखाएंगे।
बेगमपुल निवासी समीर रिजवी ने कम उम्र में ही अंडर-19 में टीम इंडिया में जगह बनाई थी। जब उनकी उम्र 16 वर्ष की थी। समीर ने बताया कि पिता हसीन लोहिया एक प्रॉपर्टी डीलर है। समीर के मुताबिक उनके अंदर क्रिकेट का जुनून उनके मामा तनकीब से आया। वो ही उनके कोच है, जिनसे उनकी टे्रनिंग चल रही है।समीर जब 7 साल के थे उनके मामा उन्हें गांधी बाग में क्रिकेट खेलने के लिए ले जाते थे और इस खेल की बारीकियां समझाते थे। समीर ने बताया कि फिर मैंने इस खेल को अपना लक्ष्य बना लिया और ज्यादा से ज्यादा समय क्रिकेट को देना शुरू कर दिया। सुबह से लेकर शाम तक सिर्फ क्रिकेट ही क्रिकेट दिमाग में चलता रहता है। उनकी लगातार बल्लेबाजी करने की क्षमता, शॉट मारने के स्टाइल को देखते हुए चयनकर्ताओं ने उन्हें भारत की अंडर-19 टीम के लिए चुना था। कोच तनकीब ने उनके साथ बहुत ही मेहनत की है, आज उसी का नतीजा है जो सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उनका सिलेक्शन हुआ है अब वो आईपीएल में जाने की तैयारी में हैं।
मुझे पूरा यकीन है मेरठ के प्रियम गर्ग व समीर बेहतर करेंगे, दोनों ही बेहतर खिलाड़ी है, बहु मेहनती है, यकीनन वो इस ट्रॉफी में बेहतर करेंगे, इसके लिए वो लगातार मेहनत कर रहे हैं।
संजय रस्तोगी, क्रिकेट कोच समीर रिजवी बहुत ही अच्छा प्लेयर हैं। उनसे सभी को बहुत उम्मीदें है, यकीनन वो बेहतर करके दिखाएगा। इसके लिए वो लगातार प्रैक्टिस कर रहे हैं। सुबह शाम वो प्रैक्टिस में रहते है। अभी मेरठ है पूरी मेहनत कर कर रहे हैं।
तनकीब, क्रिकेट कोच