हर रोज बदलता है माता का स्वरूप
- नवरात्र में होती है माता की विशेष पूजा अर्चना
- माता से जो भी मांगो वह मन्नत होती है पूरी Meerut : जयदेवी नगर स्थित गोल मंदिर माता के चमत्कार के लिए प्रसिद्ध है। लोगों का मानना है कि माता से जो भी मांगो वह मन्नत पूरी होती है। आज तक माता के दर से कोई खाली नहीं गया। यही कारण है कि वहां सुबह शाम पूजा अर्चना करने वालों की भीड़ लगी रहती है। नवरात्र में तो मंदिर में मेला सा लगा रहता है। अलग-अलग दिखता है रूपमंदिर के पुजारी बताते हैं कि यहां दुर्गा माता की मूर्ति को जब भी देखो अलग रूप में ही नजर आती है। कभी मां का हंसता हुआ चेहरा तो कभी शांत चेहरा दिखाई देता है। मंदिर के प्रति लोगों की आस्था का एक कारण यह भी है कि माता का चेहरा देखते ही सारे दुख दर्द दूर हो जाते हैं।
51 साल पुराना है मंदिरगांधी नगर के एक ब्राह्मण परिवार ने मंदिर बनाने का संकल्प ले रखा था। पुलिस अधीक्षक के पद से रिटायर पंडित छीतर सिंह ने 1965 में इस मंदिर का निर्माण कराया। छीतर सिंह ने 1960 में ही मंदिर के लिए भूमि खरीद ली थी। एक हजार वर्ग गज में यह मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर का निर्माण गोलाकार रूप में कराया गया है। छत पर खिलता हुआ कमल के फूल का रूप दिया गया है। इसीलिए इसे गोलमंदिर कहा जाता है।
कल्पवृक्ष का पेड़ है आस्था का केंद्र मंदिर के अंदर लगा हुआ कल्पवृक्ष का पेड़ भी लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। लोगों का मानना है कल्पवृक्ष से जो भी मन्नत मांगो वह पूरी होती है। लोग इस पर कलावा बांधकर अपनी मन्नत मांगते हैं। रंग बिरंगी लाइट्स से सजावट नवरात्र के दिनों में मंदिर को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है। मंदिर के अंदर भीड़ अधिक आने के कारण बाहर ही लाइन बनाने के लिए लोहे के पाइप से बेरिकेडिंग कर दी जाती है, जिससे लोग लाइन में लगकर आसानी से माता की पूजा व दर्शन कर सकें। मंदिर को चलाने के लिए दुर्गा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया गया है। इस मंदिर में सच्चे मन से जो भी मांगो वह मन्नत पूरी होती है। नवरात्र में यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। यह मंदिर एक सिद्धपीठ के रूप में स्थापित है। राम नारायण, पुजारी गोल मंदिर