Meerut News : गर्ल्स नीडेड दिस पीरियड
मेरठ (ब्यूरो)। किसी दौर में पीरियड्स जैसे मुददे शर्म का विषय था। महीने के उन पांच दिनों को एक गंदी बीमारी मानकर महिलाएं बहुत दर्द और मुश्किलों से गुजार देती थी। बदलते वक्त और लाइफस्टाइल के साथ अब शहर की लड़कियों ने इस टैबू को बहुत पीछे छोड़ दिया है। इस टॉपिक पर वह खुलकर बात करती हैं। उन दिनों में प्रयोग होने वाले गंदे कपड़े को भी उन्होंने सिरे से नकार दिया। नई सोच के साथ कदमताल करते हुए जहां मैंन्सट्रुअल हाइजीन में अव्वल हुई हैं। इसका असर यह है कि गल्र्स भी अब मैंन्सट्रुअल हाइजीन प्रोडक्ट की डिमांड करने लगी हैं। इससे मार्केट में भी बूम आ गया है। ड्रग विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बीते पांच साल में मैंन्सट्रुअल हाइजीन के बाजार में कई गुना उछाल आया है। बाजार में अब कई ऐसे प्रॉडक्टस उपलब्ध हैं जो उन पांच मुश्किल दिनों को बहुत सरल और सहज बना रहे हैं।
तेजी से बढ़ रहा बाजार
मैंन्सट्रुअल हाइजीन का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। एक्सपर्ट बताते हैं कि अवेयरनेस और जरूरत ने मांग को बढ़ाया है। शहर से लेकर गांवों तक अब सेनेट्री पैड की ही डिमांड है। दवा व्यापारियों के मुताबिक कुछ साल पहले तक मेरठ में मैन्सट्रूअल हाइजीन का बाजार हर महीने औसतन एक से दो करोड़ रूपये का रहता था। अब येे मार्केट दस से बारह करोड़ का हो गया है। वहीं आने वाले समय में इसमें और भी बढ़ोत्तरी हो सकती है।
सेनेट्ररी पैड
डिस्पोजेबल सेनेट्ररी पैड
पीरियड पैंटी
पैंटी लाइनर्स
हीट पैच
मैन्सट्रूअल कप
इलेेक्ट्रिक हीटिंग पैड
मैन्सट्रूअल बैल्ट मसाजर
टैम्पून डिस्पोजबल बैग
पीरियड पैन रिलीफ रोल ऑन
हर्बल पैन रिलीफ पैच
पीरियड पैन रिलीफ रोल बेल्ट मैंन्सट्रुअल हाइजीन में मेरठ मंडल आगे
एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार यूपी में मेरठ मंडल की लड़़कियां मैंन्सट्रुअल हाइजीन में सबसे आगे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद और मेरठ की 85 प्रतिशत से अधिक लड़कियां पीरियड्स के दौरान पूरी सफाई और सावधानी का प्रयोग करती हैं। इसके अलावा हापुड़, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, बागपत में भी लड़कियों के बीच मैंन्सट्रुअल हाइजीन का प्रतिशत 80 प्रतिशत से अधिक है।
दर्द से भी मिल रही निजात
उन दिनों में होने वाले दर्द को लेकर भी बाजार में कई तरह के प्रॉडक्ट उपलब्ध हो गए हैं। इनमें हीट पैच, रोल ऑन, इलेेक्ट्रिक हीटिंग पैड, मैन्सट्रूअल बैल्ट मसाजर, पीरियड पैन रिलीफ रोल ऑन, हर्बल पैन रिलीफ पैड, पीरियड पैन रिलीफ रोल बेल्ट की डिमांड सबसे ज्यादा है। डॉक्टर्स बताते हैं कि पीरियड्स के दौरान यूट्रस की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। पेट में क्रैंप्स होते हैं। पैरों की मांसपेशियों में भी खिंचाव की वजह से तेज दर्द होता है। बाजार में उपलब्ध प्रॉडक्टस की वजह से इन परेशानियों से लड़कियों को राहत मिल रही है।
डॉक्टर्स बताते हैं कि महिलाओं में मैन्सट्रूअल साइकिल की मॉनिटरिंग बहुत जरूरी होती है। कई बीमारियों की मॉनिटरिंग इसी साइकिल से की जाती है। पहले महिलाएं इन बातों को लेकर अवेयर नहीं थी। अब टै्रकिंग एप्स की वजह से मॉनिटरिंग करना आसान हो गया है। एप्स साइकिल गड़बड़ होने पर अलर्ट देती है। जिससे बीमारियों की जांच जल्दी हो जाती है।
ऑर्गेनिक सेनेट्री पैड्स की बढ़ी मांग
सेनेट्री पैड्स में अब हर्बल और ऑर्गेनिक वैराइटी भी उपलब्ध हो रही है। इनके फायदों को देखते हुए लड़कियों में इनकी डिमांड भी कॉफी बढ़ी है। बाजार में इन पैड्स की कीमत 40 रूपये ये लेकर 60 रूपये प्रति पैड तक है। एक्सपटर्स बताते हैं कि सैनेट्री पैड्स को बनाने में कई तरह के मैटेरियल इस्तेमाल होते हैं। इनमें कपास से बने पैड्स स्किन फ्रेंडली और इको फ्रेंडली होते हैं। इनसे रैशेज नहीं होते हैं और किसी भी तरह के इंफेक्शन का डर नहीं रहता है।
डॉ। मनीषा त्यागी, सीनियर गाइनी लड़कियों के साथ ही अब दूसरे लोगों में भी मैन्सट्रूअल हाइजीन के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। बीते पांच सालों में ही कई तरह के मैन्सट्रूअल हाइजीन के प्रॉडक्ट्स की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ी है। कई तरह के प्रॉडक्टस अब उपलब्ध हैं।
रजनीश कौशल, महामंत्री, मेरठ केमिस्ट एंड ड्रग्स एसोसिएशन मैन्सट्रूअल हाइजीन के कई तरह के प्रॉडक्ट्स डिमांड में हैं। इनमें दर्द से निजात दिलाने वाले प्रॉडक्टस की डिमांड सबसे अधिक है। सेनेट्री पैड्स के साथ ही अब लड़कियां में टैंपून, मैन्सट्रूअल कप की मांग भी काफी दिखाई दे रही है।
अकरम गाजी, अध्यक्ष, गाजी मेडिकल स्टोर