कूड़ा का पहाड़ कोई तमाशा नहीं, दूर तक देखिए...देर तक सोचिए
मेरठ (ब्यूरो)। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की बात हो या कूड़ा निस्तारण की, दोनों ही मामले में नगर निगम फिसड्डी साबित हो रहा है। कूड़ा निस्तारण की निगम की लाख कोशिशों के बावजूद दिल्ली रोड स्थित मंगतपुरम, गांवड़ी और लोहियानगर डंपिंग ग्राउंड में कूड़े के पहाड़ का साइज दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जबकि लोहियानगर में कूड़ा निस्तारण के लिए बैलिस्टक सेपरेटर प्लांट पिछले करीब एक साल से काम कर रहा है।
900 मीट्रिक टन कचरा
शहर में 900 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन उत्सर्जित होता है। जिसको मंगतपुरम, और गांवड़ी के बाद लोहियानगर में एकत्र किया जाता है। वहीं फ्रेश कूड़े के निस्तारण का प्लांट पिछले साल से दो कंपनियों के चयन के विवाद में अटका हुआ है। हालांकि इस साल निगम को 15वें वित्त आयोग के मद से 72 करोड़ रुपये की पहली किस्त ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए मिली थी। इसके अलावा कूड़े के निस्तारण के नाम पर गांवड़ी में 15 टन प्रति घंटे व लोहिया नगर में 30 टन प्रति घंटे का कूड़ा निस्तारण प्लांट पहले से काम कर रहा है। बावजूद इसके शहर में जगह-जगह अस्थाई कूड़ा स्थलों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है।
निस्तारण को बनी थी योजनाएं
साल 2018 से मंगतपुरम में करीब 2.50 लाख मीट्रिक टन कूड़ा एकत्र हो चुका है। नगरायुक्त मनोज चौहान के समय में इसे निस्तारित करने के लिए 20 करोड़ का टेंडर निकाला गया था। इसके लिए विज्ञापन में तक करीब 3 लाख रुपए खर्च किए गए थे। यहां 9.65 एकड़ के डंपिंग ग्राउंड में 15 फीट ऊंचाई पर पार्क बनाने की योजना बनी थी। इस पार्क का नाम भी अटल स्मृति उपवन तय किया गया था। इसके बाद नगरायुक्त मनीष बंसल के समय में इस कूड़े के पहाड़ का ड्रोन से सर्वे कराया गया था। यहां कचरा निस्तारण प्लांट लगानेे के लिए डीपीआर भी तैयार कराई गई थी। लोहियानगर में तो गत वर्ष बैलेस्टिक सेपरेटर प्लांट इस उम्मीद से लगाया गया था कि कूड़ा निस्तारित होगा लेकिन प्लांट अभी तक केवल कूड़े के सेग्रीगेशन तक सीमित है।
फ्रेश कूड़े का निस्तारण कब
गांवड़ी में प्रस्तावित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का इंतजार जल्द खत्म होने की संभावना है। गौरतलब है कि आर्गेनिक रिसाइकङ्क्षलग कंपनी के साथ नगर निगम ने 2017 में वेस्ट टू एनर्जी परियोजना के लिए अनुबंध किया था। अनुबंध के कुछ ही दिन बाद शासन स्तर से दूसरी कंपनी आइएलएंडएफएस का चयन कर लिया गया। जिसके खिलाफ आर्गेनिक रिसाइकङ्क्षलग कंपनी हाईकोर्ट में चली गई थी। हाईकोर्ट ने स्टे आर्डर जारी कर दिया था। हालांकि इसी साल शासन ने आइएलएंडएफएस कंपनी का चयन निरस्त कर दिया है। जिससे दो कंपनियों के बीच विवाद की स्थिति खत्म हो गई है।
16 टन कूड़ा संग्रह के पोर्टेबल कांपेक्टर आधारित पांच कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन
73 वार्डों में आउटसोर्स पर डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था
21 प्रमुख ढलावघरों को तीन तरफ से दीवार बनाकर कवर्ड करना
गांवड़ी में फे्र श कूड़ा निस्तारण का प्लांट लगाने की तैयारी
मंगतपुरम में डंप पुराने कचरे के निस्तारण के लिए गांवड़ी की तर्ज पर प्लांट
प्रतिदिन उत्सर्जित कूड़े को जल्द गांवड़ी प्लांट पहुंचाने की व्यवस्था
बड़े कूड़ेदान हटाकर बाजार वाले क्षेत्रों में छोटे कूड़ेदान लगाने की योजना
खुले खत्ते व अस्थायी खत्ते शत-प्रतिशत समाप्त करना लोहियानगर में कूड़े का पहाड़ इस कदर बढ़ता जा रहा है कि इससे आसपास के गांव में जल और वायु प्रदूषण फैलता जा रहा है।
रोहित गुर्जर कूड़े की बदबू के कारण आसपास के क्षेत्र में लोगों का रहना दूभर हो गया है। पास में कालेज के बच्चे पूरा दिन बदबू से परेशान रहते हैं।
शहजाद
लोहियानगर एमडीए की महत्वपूर्ण योजना है लेकिन मेन रोड पर बने कूड़े के पहाड़ के कारण लोहियानगर का विकास रुक गया है, लोग यहां इंवेस्ट नहीं कर रहे हैं।
शरीफ अहमद
गौरव राजपूत लोहियानगर में बैलेस्टिक सेपरेटर प्लांट चालू हैं। साथ ही हम गांवड़ी में फ्रेश वेस्ट डंप करने की योजना बना रहे हंै। इससे लोहियानगर में तेजी से कूड़ा निस्तारण होगा।
ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त