पहली बार 5 किमी प्रति घंटा की स्पीड से चली रैपिड रेल
मेरठ (ब्यूरो)। आरआरटीएस नेटवर्क के परीक्षण की प्रक्रिया में पहले इसके सभी तत्वों की अलग-अलग जांच की जाती है। इसके सफल होने के बाद इसके सभी सब-सिस्टम, यानी रोलिंग स्टॉक, ओएचई, ट्रैक और टेलिकॉम एवं सिग्नलिंग के साथ-साथ स्टेशन इंफ्र ास्ट्रक्चर, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स आदि की एक दूसरे के साथ अनुकूलता की जांच करने के लिए उनका एकीकृत रूप में परीक्षण किया जाता है। वर्तमान में इसी प्रक्रिया का संचालन किया जा रहा है। प्रायोरिटी सेक्शन में ट्रैक बिछाने का कार्य पहले ही पूर्ण किया जा चुका है।
25 केवी की क्षमता के साथ चार्ज
नववर्ष में ओवर हेड इक्युप्मेंट (ओएचई) को दुहाई डिपो के फीडिंग पोस्ट से लेकर गाजियाबाद स्टेशन के पास बने फीडिंग पोस्ट तक 25 केवी की क्षमता के साथ चार्ज किया गया है। इसके परीक्षण के लिए ट्रेन को पहली बार डिपो से बाहर निकालकर गाजियाबाद तक लाया गया। परियोजना के लिए कार्यरत सभी इंजीनियरों, टेक्नििशयन, आर्किटेक्ट और कर्मचारियों के लिए यह एक अनोखा और पहला अनुभव रहा। इसमें उन्होंने देश की प्रथम रीजनल रेल के लिए ओएचई का परीक्षण किया और सफलता हासिल की।
5 किमी प्रति घंटा की रही रफ्तार
ट्रैक और ट्रैक्शन के परीक्षण की प्रक्रिया के दौरान ट्रेन को दुहाई स्टेशन से चलाकर गुलधर स्टेशन पर ले जाया गया। इसमें ट्रेन की रफ्तार 5 किमी प्रतिघंटा तक रखी गई। यहां तक ओएचई का प्रदर्शन सफल रहने के बाद ट्रेन को गाजियाबाद स्टेशन की ओर आगे बढ़ाया गया और स्टेशन से पहले बने क्रॉसओवर से ट्रेन को वापसी के लिए तैयार किया गया।
इस दौरान ट्रेन को ऑपरेटर ने ट्रेन कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम (टीसीएमएस) के तहत मैन्यूअल तरीके से चलाया। गाजियाबाद से वापसी के दौरान ट्रेन को ओएएचई के परीक्षण के लिए 25 किमी की रफ्तार तक चलाया गया। वापसी में भी ट्रेन को पहले गुलधर स्टेशन और फिर दुहाई स्टेशन पर रोका गया और फिर दुहाई डिपो स्टेशन पर लाया गया।
अंतिम चरण में इंस्टालेशन
इस पूरे सेक्शन के ओएचई इंस्टालेशन का कार्य अंतिम चरण में है। और जल्द ही प्रायोरिटी सेक्शन को पूर्ण रूप से चार्ज कर दिया जाएगा। अब जल्द ही हाई स्पीड ट्रायल रन की शुरुआत की जाएगी। उल्लेखनीय है कि प्रायोरिटी सेक्शन में इस वर्ष मार्च 2023 में ट्रेनों का संचालन आरंभ करने का लक्ष्य है। इस सेक्शन में पाँच स्टेशन हैं, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो। ये सभी स्टेशन ट्रायल रन के लिए बनकर तैयार हो चुके हैं और वर्तमान में इनकी फिनशिंग की जा रही है।