वोटर लिस्ट ठीक करिए... हमें वोट देना है
मेरठ ब्यूरो। ऐेसे में बीते साल वोटर लिस्ट से जुड़ी जो शिकायतें आईं थी, उनको दुरुस्त करने की कोशिश शुरू हो गई है। गौरतलब है कि चुनाव की तारीख तय होने के दो महीने पहले से कैंट बोर्ड के पास वोटर लिस्ट से जुड़ी शिकायतें आनी शुरू हो गई हैं। इनमें ऑनलाइन 230 और ऑफलाइन 198 कंप्लेन कैंट बोर्ड के पास आई है। ऐसे में कुछ शिकायतें आर्ईं हैं कि किसी को मृतक घोषित कर दिया गया है। वोटर लिस्ट से कुछ लोगों का नाम ही हटा दिया गया है। हालांकि, इस मामले में सीईओ ज्योति कुमार ने ऐसी शिकायतों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।
लिस्ट में 31 हजार 362 वोटर
गौरतलब है कि पुरानी लिस्ट के मुताबिक नई वोटर लिस्ट बनाई गई थी। वह अभी भी वेबसाइट पर है। कैंट बोर्ड की वोटर लिस्ट के मुताबिक कैंट के आठ वार्ड में कुल 31हजार 362 वोटर हैं। कैंट में अतिक्रमण, अवैध निर्माण, अवैध कब्जे झुग्गी झोपड़ी आदि के वोट काट दिए गए थे। खास बात यह है कि पिछली बार साल 2015 में चुनाव हुआ था। उस समय करीब 63 हजार वोटर थे। इस बार करीब 30 हजार वोटर का अनुमान है। हालांकि अभी सूची अपडेट होनी बाकी है।
आरक्षण की स्थिति भी स्पष्ट
गौरतलब है कि 31 मार्च 2021 की अधिसूचना के तहत मेरठ कैंट बोर्ड के वार्डो के आरक्षण की स्थिति स्पष्ट की जा चुकी है। कैंट बोर्ड के चुनाव के लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से वार्डो के आरक्षण के लिए गजट अधिसूचना पूर्व में ही जारी कर दी गई थी। गजट अधिसूचना के तहत मेरठ कैंट के वार्ड 7 इस बार भी एससी के लिए आरक्षित है। वहीं वार्ड 3, 5 और 8 को महिलाओं के लिए आरक्षित घोषित किया गया था, वहीं वार्ड 1, 2, 4 और छह को समान्य अनारक्षित घोषित कर दिया गया था। आरक्षण को लेकर कोई आदेश होने तक फिलहाल यह अधिसूचना ही मान्य होगी ।
आठ साल के बाद होंगे चुनाव
पहली बार मेरठ कैंट के चुनाव आठ साल बाद होंगे। शीघ्र ही कैंट बोर्ड अध्यक्ष की सहमति से विस्तृत कार्यक्रम व निर्वाचन अधिकारी तय करने के लिए आवश्यक कार्रवाई होगी। करीब आठ साल बाद इसबार कैंट का चुनाव हो रहा है। जबकि हर पांच साल में चुनाव की व्यवस्था होती है। मेरठ में 2015 को 17 मई में चुनाव हुए थे। 13 जुलाई 2015 को बोर्ड का गठन हुआ था। 12 जुलाई 2020 में कार्यकाल समाप्त हो गया था। बाद में बोर्ड कार्यकाल को दो बार छह-छह माह के लिए बढ़ाया गया था। उसके बाद वैरी बोर्ड के माध्यम से कैंट का काम चल रहा है। अब मंत्रालय ने चुनाव की अधिसूचना जारी की है। इस तरह से आठ साल बाद चुनाव हो रहे हैं।
साल 2015 के चुनाव में मेरठ कैंट बोर्ड से निर्दलियों का ही डंका बजा था।
वार्ड 1 से - बीजेपी की रिनी जैन
वार्ड 2 से- बुशरा कमाल
वार्ड 3 से- बीना वाधवा,
वार्ड 4 से-नीरज राठौर
वार्ड 5 से अनिल जैन
वार्ड 6 से- मंजू गोयल
वार्ड 7 से - धर्मेंद्र सोनकर,
वार्ड 8 से- विपिन सोढुी निर्वाचित हुए थे। सबसे अधिक 2740 मतों से बीना वाधवा जीती थी।
----------- पिछली बार जो शिकायतें थी, उनका निवारण पहले ही हो जाए यह प्रयास है, वोटर आईडी को पहले से ही जांचा जा रहा है। वहीं जिनका वोट नहीं है या कोई समस्या है तो वो भी ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं।
ज्योति कुमार, सीईओ, कैंट बोर्ड
हमारी ज्वाइंट फैमिली है। पूरे परिवार का नाम पिछली बार सूची में नहीं था, इसकी हमने पिछली बार भी शिकायत की थी, इसबार भी पहले ही कर चुके हैं।
अंजली
ओमा मेरे दादा जी का वोट पिछली बार बना था। जबकि वो तो है ही नहीं। मृतकों का भी ऐसे वोटर लिस्ट में नाम है।
सुनीता मेरे वोटर कार्ड में मेरी जगह किसी बुजुर्ग महिला का फोटो छपा था। इस चक्कर में मुझे थोड़ी परेशानी हुई थी। इस बार ठीक होगा या नहीं पता नहीं।
आकांक्षा