पर्सनल प्रोफाइल से लगेगी फर्जी पंजीकरण पर रोक
- बेसिक शिक्षा में एक पहल की शुरुआत से होगा सुधार
- बच्चों को दिया जाएगा अलग-अलग प्रोफाइल Meerut बेसिक शिक्षा परिषद के तहत अब फर्जी पंजीकरण पर रोक लगाने की तैयारी है। विभाग ने फर्जीवाड़े को कम करने के लिए एक खास मुहिम की शुरुआत की है, जिसके तहत प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में अब हर बच्चे का अलग- अलग प्रोफाइल तैयार कराया जाएगा। विभाग ने स्कूलों को दो मंथ का समय दिया है। इसके तहत प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर स्टूडेंट्स का पूरा रिकॉर्ड भी रखा जाएगा। शिक्षा विभाग के अनुसार इससे फर्जी पंजीकरण पर रोक लगेगी। स्कूलों में होगा बजटइस पहल के तहत स्कूलों के हर बच्चे के विस्तृत जानकारी मौजूद होगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए हैं। फाइल खर्च के लिए पांच रुपए प्रत्येक बच्चे के हिसाब से सभी स्कूलों को खर्च दिया जाएगा। यह व्यवस्था आगामी सत्र से प्रभावी हो जाएगी। इसके बाद सभी बच्चों की अलग-अलग प्रोफाइल तैयार होने लगेगी।
माता-पिता की भी होगी फोटोहर बच्चे के प्रोफाइल में उसके माता-पिता के लिए भी कॉलम होगा। पेरेंट्स के फोटो के साथ उनका व्यवसाय, शैक्षिक स्तर व पारिवारिक स्थिति समेत पूरी जानकारी हेागी। बच्चों की परफार्मेस ठीक न होने पर संपर्क किया जा सकेगा। साथ ही विभागीय अधिकारियों को भी बच्चे के संबंध में जानकारी मिल सकेगी।
मेडिकल अपडेट भी होगा इस प्रोफाइल में मेडिकल स्टेटस का कॉलम भी होगा। बच्चे की लंबाई, वजन, दांतों की गिनती, आंखें की स्थिति का विवरण। विशेष बीमारी के होने पर जिक्र आदि जानकारी सभी कि डिटेल्स लिखी जाएगी। अगर चेकअप के दौरान बच्चे के स्वास्थ्य में कोई खराबी हो तो उसका भी विवरण दिया जाना आवश्यक है। फर्जी पंजीकरण पर रोक अधिकारियों के अनुसार इस व्यवस्था से फर्जी पंजीकरण पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। क्योंकि अक्सर यह देखने में आता है कि प्राइमरी स्कूल सत्र की शुरुआत में एडमिशन न होने पर काफी संख्या में फर्जी पंजीकरण दिखाए जाते हैं। बच्चे स्कूल नहीं आते हैं, लेकिन उनके नाम पर सारी सुविधाएं ली जाती है। यहीं कारण है कि एग्जाम में एडमिशन के साठ प्रतिशत बच्चे ही शामिल होते हैं। यह व्यवस्था आगामी दो माह में लागू हो जाएगी, इसके बाद बच्चों की पूरी डिटेल विभाग के पास रहेगी। वहीं स्कूलों में फर्जी पंजीकरण के द्वारा चलने वाले घपले घोटाले भी नही हो पाएंगे। -मो। इकबाल, बीएसए