वाक्थॉन के जरिए तंबाकू के दुष्परिणाम बताए
मेरठ ब्यूरो। विश्व तंबाकू रोधी दिवस के उपलक्ष्य में बुधवार को मेरठ कैंसर हॉस्पिटल एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में वॉक्थान का आयोजन किया गया। इस दौरान 5 किमी की वॉक्थान का आयोजन कर जागरुकता का प्रयास किया गया। हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ कार्यक्रम का शुभारंभ जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। अखिलेश मोहन एवं जिला वन अधिकारी राजेश कुमार ने हरी झंडी दिखाकर किया। कार्यक्रम मेरठ कैंसर हॉस्पिटल से प्रारंभ होकर आईआईए भवन में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य चिकित्सक, प्रबुद्ध नागरिक, विभिन्न खेलों से सम्बद्ध खिलाड़ी एवं स्कूल के बच्चों ने भाग लिया। 5 किमी की इस वॉक्थॉन के समापन के दौरान आइएमए भवन में तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभावों को दर्शाते विषयों पर गोष्ठी की गई।तंबाकू में होते हैं 7000 केमिकल
तंबाकू और कैंसर विषय पर मेरठ कैंसर हॉस्पिटल के निदेशक डॉ। उमंग मिथल ने बताया कि तंबाकू में आर्सेनिक, टार आदि जैसे लगभग 7000 केमिकल होते हैं। इनमे से लगभग 70 कैंसर का कारण बनते हैं। तंबाकू से मुख्य रूप से फेफड़ों एवं मुँह का कैंसर होने की संभावना रहती है, चबाने वाले तंबाकू जैसे खैनी, गुटखा के कारण युवाओं के कैंसर का खतरा अत्यधिक बढ़ गया है। खराब हो रहे लंग्स
अगर आप धूम्रपान नहीं भी करते हैं तो धूम्रपान करने वाले लोगों के साथ या उनके संपर्क में रहने के कारण टॉक्सिक केमिकल्स आपके फेफड़ों में असर करेंगे। इसलिए महिलाएं, यंगसटर्स और सिगरेट नहीं पीने वालों में एयर पॉल्यूशन की वजह से लंग कैंसर में होने का खतरा हो सकता है। उन्होंने बताया की उनको दिखाने आने वाने वाले 60 प्रतिशत मरीज सिगरेट, बीड़ी, खैनी, गुटखा के कारण मुंह, गले एवं फेफड़ों संबंधी समस्या ले कर आते है, खाने अथवा पीने वाले तंबाकू से न सिर्फ मुंह, गले या फेफड़ों का कैंसर ही नहीं बल्कि अनेकों बार तंबाकू के कारण पेट, लीवर आदि मे भी कैंसर के होने के भी अनेकों मामले देखे जाते है। ये लोग रहे मौजूद आयोजन को सफल बनाने में डा। आशीष जैन, डा। संजय गुप्ता, गौरव सिंह, मुकेश शर्मा, संजय अग्रवाल, नलिन मिथल, डा। नलिनी मिथल, नीरज कौशिक, सुनील कुमार, सत्यादेव, सागर शर्मा आदि की भूमिका रही।