एस्टोटर्फ मिला, अब सिंथेटिक ट्रैक का इंतजार
मेरठ (ब्यूरो)। कैलाश प्रकाश स्टेडियम में गुुरुवार को सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने एस्टोटर्फ मैदान का लोकार्पण किया। इस दौरान विधायक अमित अग्रवाल सहित मंडलायुक्त मौजूद रहे। इस दौरान एक मैत्री मैच भी खेला गया। वहीं, आरएसओ ने स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक की मांग की है।
क्या होता है एस्टोटै्रफ
एस्ट्रोटर्फ कृत्रिम घास का मैदान है। इसमें स्प्रिंगल्ड से पानी का छिडक़ाव होता है। मैदान के अंदर खिलाडिय़ों एवं बॉल की स्पीड नेचुरल खेल मैदान से तीन गुना अधिक हो जाती है। यह मैदान समतल होता है। इसमें कृत्रिम घास उगाई जाती है।
539.71 लाख रुपए खर्च हुए
इंटरनेशनल मानक के अनुसार एस्ट्रोटर्फ को तैयार किया गया है। यह मैदान 101.40 मीटर लम्बा व चौड़ाई 61 मीटर है। 6185.40 स्क्वायर मीटर मैदान को कवर किया है। प्रोजेक्ट को पूरा करने में 539.71 लाख रुपए खर्च हुआ है। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि यह मेरठ की हॉकी की नई शुरूआत है। वहीं, जिला एथलेटिक संघ के सचिव अनु कुमार सहित अन्य पदाधिकारियों ने स्टेडियम में अब एथलेटिक सिंथेटिक ट्रैक की मांग की। बेहतर प्रशिक्षण के लिए दिल्ली जाना पड़ता है।
कैसा होगा सिंथेटिक ट्रैक
सिंथेटिक टै्रक में करीब आठ करोड़ का खर्च आएगा। यह ट्रैक खास रबर से बना होता है। 8 लेन वाले 400 मीटर लंबे सिंथेटिक ट्रैक को खिलाड़ी दौडऩे की प्रैक्टिस के लिए इस्तेमाल करेंगे।आरएसओ वाईपी सिंह ने बताया कि अभी फिलहाल इसके लिए निर्माण एजेंसी से बजट तैयार करने के लिए लेटर लिखा गया है।
जल्द से जल्द बिछेगा ट्रैक
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि मेरठ में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक निर्माण को लेकर सीएम योगी से बात हुई है.13 नवंबर को भी उन्होंने सीएम योगी से मांग की है। संथेटिक टै्रक के लिए रीजनल स्पोर्टस ऑफिसर द्वारा एस्टीमेट बनाने के लिए निर्माण एजेंसी को पत्र भी लिखा गया है। एस्टीमेट बनते ही खेल विभाग को भेजा जाएगा।
ये बहुत ही अच्छी बात है खिलाडिय़ों को बहुत ही फायदा होगा अगर सिंथेटिक टै्रक बनेगा तो बेहतर प्रैक्टिस हो पाएगी।
अभिषेक सुविधा होने से ही बेहतर खिलाड़ी निकल पाएंगे, टै्रक लिए आरएसओ सर ने भी डिमांड भेजी है जो बहुत जरूरी है।
सचिन
दौडऩे में अक्सर खिलाडिय़ों को बहुत दिक्कते आती है, इसके चलते वो बेहतर नहीं सिख पाते हैं, इसलिए सिंथेटिक टै्रक बहुत ही जरूरी है।
दक्ष
सिंथेटिक टै्रक होगा तो खिलाडिय़ों को प्रैक्टिस करने में आसानी होगी वो पहले से बेहतर कर पाएंगे, जल्दस जल्द सिंथेटिक टै्रक बने ताकि हमें फायदा हो।
प्रियांशा