स्टूडेेंट्स ने हिंदी भाषा के महत्व को बताया छात्रों ने हिंदी भाषा की विशेषताएं बताईं


मेरठ । सीसीएसयू के हिंदी विभाग में हिंदी दिवस के मौके पर निबंध लेखन एवं आशु भाषण प्रतियोगिता हुई। इसमें यूनिवर्सिटी के 17 विभागों से 33 स्टूडेंट्स ने प्रतिभागिता की। आशु भाषण में 12 विभागों के 22 स्टूडेंट्स ने प्रतिभागिता की। इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ आचार्य एवं विभागाध्यक्ष प्रो। नवीन चंद्र लोहनी रहे। मुख्य अतिथि पूर्व आईआरएस अधिकारी राम किशोर उपाध्याय, प्रो.कविता त्यागी, डॉ.कविश्री, और प्रो। रविंद्र प्रताप राणा रहे.कार्यक्रम का संचालन सहायक आचार्य डॉ। यज्ञेश कुमार ने किया। दुनिया की बड़ी भाषा


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो। नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि हिंदी दुनिया की बड़ी भाषा है। हम सभी को हिंदी अपनी मातृभाषा की भांति अपनाना चाहिए। हिंदी दिवस हिंदी के संवैधानिक अधिकार का स्मरण दिवस है। संविधान समिति में शामिल सदस्यों ने हिंदी को उसका उचित सम्मान प्रदान किया। अब हमारा और नवीन पीढ़ी का कर्तव्य है कि व्यवहार में भी हिंदी के प्रयोग को सुनिश्चित करें और भारतीय संस्कृति और साहित्य के विकास की परंपरा से खुद को जोड़ें।

नहीं मिला नोबेल पुरस्कार


मुख्य अतिथि राम किशोर उपाध्याय ने कहा कि इस प्रकार के प्रतियोगी कार्यक्रमों से हमारी अपनी भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ती है। अभिव्यक्ति की भाषा सरल होनी चाहिए। कोई भी भाषा तब तक समृद्ध नहीं होती जब तक उसमें अन्य भाषाओं के शब्दों को शामिल नहीं किया जाता। इससे अभिव्यक्ति की व्यापकता का विस्तार होता है। उन्होंने कहा कि हिंदी में बोलने वालों की संख्या अरबों में है लेकिन हिंदी भाषा में अभी तक कोई नोबेल पुरस्कार नहीं मिल पाया है। ऐसे उत्कृष्ट साहित्य लेखन की संभावना अभी भी हिंदी में है। हिंदी के लिए कथनी से अधिक करनी की आवश्यकता है। इस अवसर पर डॉ। आरती राणा, डॉ। अंजु, डॉ विद्यासागर सिंह, विनय कुमार, पूजा यादव, सचिन कुमार, रेखा सोम, ख्याति भारद्वाज, सृष्टि, प्रिंसी, आयुषी त्यागी, शुभम शर्मा आदि शामिल रहे।

Posted By: Inextlive