इंजीनियर शांतनु मलिन बस्तियों में चला रहे फ्री क्लासेज
मेरठ ब्यूरो। पेश से नेटवर्क इंजीनियर के रूप में अपना एक कामयाब मुकाम हासिल कर चुके शांतनु शर्मा का सपना है कि इस देश के हर बच्चे को मौका मिले और वह शिक्षा से महरूम ना रहे। खासतौर पर पैसों के अभाव में बच्चों से उनकी शिक्षा का अधिकार न छीना जाए। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए इंजीनियर शांतनु शर्मा पिछले सात से गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ा रहे हैैं। शहर की मलिन बस्तियों में फ्री क्लास के संचालन में शांतनु के साथ उनकी एनजीओ में शामिल स्टूडेंट्स, इंजीनियर, डॉक्टर्स और टीचर्स भी जुटे हैैं। आइए शांतनु से ही जानते हैैं कि गरीब बच्चों के लिए फ्री क्लासेज को लेकर क्या है उनका फ्यूचर प्लान।।।
हर गरीब बच्चे हो शिक्षित
शहर की मलिन बस्तियों के बच्चों की शिक्षा के स्तर का सुधारने के लिए सात साल पहले मैैंने यह प्रयास शुरू किया था। मैैंने देखा है कि अक्सर मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चे पैसे और सही मार्गदर्शन के अभाव में पढ़ाई से वंचित रहे जाते हैं। उनकी इस समस्या को दूर करने के लिए मैैंने पीयर फाउंडेशन संस्था का गठन किया। वर्तमान में लालकुर्ती स्थित मालिन बस्तियों में रहने वाले जरूरतमंद बच्चों के लिए संस्था की ओर से फ्री क्लासेज चलाई जा रही है। मेरा उद्देश्य है कि एक दिन शहर के हर गरीब बच्चे तक मेरी पहुंच संभव हो सके और उसे मैैं खुद पढ़ाकर इस काबिल बना दूं कि उसका एडमिशन स्कूल मेें हो सके। मेरी संस्था गरीब बच्चों को फ्री में शिक्षा देने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक कार्य भी कर रही है।
बात साल 2019 की है। बच्चों की फ्री क्लासेज के दौरान दिमाग में एक दिन ये ख्याल आया कि जो बच्चों को स्कूल तक कैसे पहुंचाया जाए। बस फिर क्या था संस्था के जरिए मैैंने मलिन बस्तियों के सभी बच्चों का दाखिला स्कूल में कराने का बीड़ा उठा लिया। अब हर साल बच्चों का फ्री क्लासेज के जरिए बच्चों का बेस तैयार कर उनका एडमिशन स्कूल में करा दिया जाता है। अब ऐसे बहुत से बच्चे हैैं, जिनका एडमिशन नर्सरी क्लास से लेकर आठवी तक हमने कराया है। इस वर्ष भी संस्था की ओर से कई बच्चो का एडमिशन कराया गया है।
जरूरी चीजें मुहैया कराते हैैं
हमारा प्रयास रहता है कि स्कूल जाने वाले सभी बच्चो को शिक्षा से संबंधित किसी भी चीज की कमी न हो। संस्था द्वारा हर बच्चे को उन सभी चीजों का इंतजाम करके दिया जाता है, जो उसके जरूरत की होती हैं।
रोजाना शाम को डेढ़ से दो घंटे की फ्री क्लासेज मलिन बस्तियों में चलती हैैं। इन इवनिंग क्लासेज के जरिए बच्चों को हर लेवल पर शिक्षित करने का प्रयास किया जाता है। साथ की बच्चो के ओवरऑल डेवलपमेंट के लिए अन्य करिकुलर एक्टिविटीज कराकर भी उन्हें फ्यूचर के लिए प्रिपेयर किया जाता है। एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में हम आर्ट एंड क्राफ्ट, डांस, सिंगिंग, स्पीकिंग स्किल, पर्सनेलिटी डेवलपमेंट आदि शामिल है। रोजाना फ्री क्लासेज लेकर शचि गुप्ता, श्वेता मालिक भी संस्था का हाथ बंटाती हैैं।
कई अन्य प्रोजेक्ट भी
संस्था का मानना है कि मेन स्ट्रीम शिक्षा के अलावा भी समाज में कई ऐसे मुद्दे हैैं, जिनको लेकर लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है। इस सोच के साथ कई अन्य प्रोजेक्ट भी संस्था में आकार ले रहे हैैं। एक प्रोजेक्ट है प्रवाह। जिसमें गांव व मालिन बस्तियों में महिलाओं को मासिक धर्म और स्वास्थ्य के विषय में जागरूकता अभियान चलाकर शिक्षित व जागरूक किया जा रहा है। ऐसा ही एक प्रोजेक्ट है अलंकार, जिसके जरिए मालिन बस्तियों में रहने वाली महिलाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट के कार्य भी संस्था द्वारा अंजाम दिए जा रहे हैैं। गांव और मालिन बस्तियों में वर्कशॉप के माध्यम से स्वास्थ्य, विज्ञान, आर्ट एंड क्राफ्ट जैसी विभिन्न वर्कशॉप कराई जा रही हैैं। संस्था के अलग-अलग प्रोजेक्ट से अलग-अलग लोग जुड़े हैैं। जो समय-समय पर अपना योगदान देते रहते हैैं।