आचार्यश्री निर्भय सागर महाराज ने कमलानगर जैन मंदिर में जैन धर्म का महत्व बताया। उन्होंने बताया कि जैन धर्म में त्याग तपस्या के माध्यम से राग द्वेष मोह ईष्र्या को जलाकर शुद्ध कर लिया जाता है।


मेरठ ब्यूरो। णमोकार मंत्र जन-जन का मंत्र है। इसमें संसार के सभी साधुओं, आचार्य, उपाध्याय और सभी भगवानों को नमस्कार किया जाता है। उन्होंने कहा कि युद्ध आतंकवाद पर्यावरण एवं आर्थिक समस्या के निराकरण जैन धर्म के सिद्धांतों से हो सकता है। इसलिए इसे विश्व में फैलाने की जरूरत है। जैन सिद्धांतों पर चलने वालों के लिए सिद्धांतों को डिफाइन करने की जरूरत नहीं होती है। जैन साधु संत सिद्धांतों पर चलते हैं। संसार में जितने भी भूकंप आ रहे हैं। कत्लखानों की वजह से आ रहे हैं। णमोकार मंत्र सब मंत्रों का मुकुट मंत्र है। ये लोग रहे मौजूद मंगलवार को महाराजश्री ने जानी खुर्द से विहार होकर बनेली में प्रवेश किया। इस मौके पर एडवोकेट पंकज जैन सदर, विनोद, कोटा के रविंद्र, प्रमोद आदि मौजूद रहे।

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