केस वन: बच्चे की करंट की मौत लोहिया नगर में 10 साल के बच्चे की करंट लगने से मौत हो गई थी। वह पानी पीने के लिए वाटर कूलर के पास गया था। जहां उसे करंट लग गया केस दो : पंखे में उतरा करंट पल्लवपुरम में करंट लगने से एक कावडिय़ां की मौत हो गई। पंखा एडजस्ट करते हुए हादसा हो गया था। पंखे में अचानक ही करंट उतर आया। केस तीन : 12 पशुओं की मौत लोहिया नगर में बीते कुछ दिन पहले करंट लगने से 12 पशुओं की मौत हो गई थी । बिजली के खंभे से अचानक करंट उतर आया था। जिसकी चपेट में पशु आ गए थे।

मेरठ (ब्यूरो)। तमाम कोशिशों के बाद भी बिजली विभाग शहर से लोहे के खंभे हटाने में असफल रहा है। खुले- टूटे हुए तार, टूटे हुए इंसुलेटर, तारों में अर्थिंग बरसात में लोगों की जान ले रहे हैं। बीते कुछ दिनों में ही करंट लगने से मौत के कई मामले सामने आ चुके हैं। बावजूद इसके विभाग ने अब तक भी इसका कोई संज्ञान नहीं लिया है।

करंट आने की मुख्य वजह
बिजली पोल में करंट आने की मुख्य वजह तारों का टूटना है। वहीं खंभों में लगे टूटे-फूटे इंसुलेटर से भी करंट उतर रहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक इंसुलेटर जब टूट जाते हैं तो उनके अंदर लगे लोहे के बोल्ट सीधे नंगे तारों के संपर्क में आते हैं। हाइटेंशन तारों में करंट बहुत अधिक होता है। लोहे के खंबे होने की वजह से करंट तेजी से इनमें फैल जाता है। बरसात में पशु या लोग जब इनके संपर्क में आ जाते हैं तब करंट तेजी से उन्हें पकड़ लेता है। तेज झटके की वजह से मौत तक हो जाती है। अर्थिंग आने की वजह से भी करंट लगने के चांसेज कई गुना बढ़ जाते हैं।

गीली दीवारें भी खतरनाक
विशेषज्ञ बताते हैं कि बरसात में गीली दीवारों और स्विच बोर्ड में भी करंट उतर जाता है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि गीली दीवार में फिंिटंग कमजोर होने पर भी करंट उतर आता है। कई बार लोगों में स्विच ऑन करते हुए झनझनाहट महसूस होती है।

इसलिए हो जाती है मौत
मेडिकल कॉलेज के सीनियर फिजिशियन डॉ। अरविंद बताते हैं कि जब हाई वोल्टेज झटका शरीर को लगता है तब अचानक हृदय काम करना बंद कर देता है। उसके फंक्शंस में रुकावट आ जाती है। फंक्शनिंग रुक जाती है। इसे वेंट्रिकुलर और एट्रियल फैब्रिकेशन कहा जाता है। हृदय से खून का पंप होना रुक जाता है और यहां खून रुकना भी बंद हो जाता है। जो अक्सर मौत का कारण बनती है। डॉक्टर बताते हैं कि बिजली का झटका लगने से कई बार मरीज कोमा तक में चला जाता है। मरीज की सांस बंद हो जाती है। जिसे कार्डियो पल्मोनरी अरेस्ट कहते हैं। वहीं कार्डियक अरेस्ट तक भी आ सकता है।

ये भी हो सकते हैं शरीर पर प्रभाव
करंट लगने से व्यक्ति का शरीर जल या झुलस सकता है। मांसपेशियां सिकुड़ सकती हैं। खून के थक्के बन सकते हैं। मरीज को लकवा भी मार सकता है। वही हार्ट अटैक, खून का जल जाना, सांस लेने में परेशानी, बेहोश हो जाना, डिहाइड्रेशन के साथ ही शरीर के अंगों के गलने की समस्या भी हो सकती है।

करंट से ऐसे बचें
बिजली का काम करते हुए रबड़ की चप्पल पहनें
बिजली के सामानों को सीलन या पानी से दूर रखें
अर्थिंग की जांच करवाते रहें
थ्री पिन सॉकेट का प्रयोग करें

कभी कभार खंबों में अर्थिंग के कारण करंट उतर जाता है। बरसात के मौसम मेंं बिजली पोल से दूरी बनाकर रहें।
राजेंद्र बहादुर, अधीक्षक अभियंता

Posted By: Inextlive