विद्युत लोकपाल ने सुना उपभोक्ताओं का दर्द
- विद्युत लोकपाल ने 83 प्रतिशत फैसले जनता के हक में दिए
- लोकपाल ने दो दिन मे सुनी 32 शिकायत मेरठ। विद्युत विभाग जनता की समस्या की अनदेखी कर रहा है। जनता के काम में देरी की जाती है। यह नहीं विद्युत व्यथा निवारण फोरम के द्वारा जारी किए निर्देश का भी पालन नहीं किया जाता है। यह बात यूपी विद्युत लोकपाल श्रीकांत प्रसाद ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कही। दो दिन में 32 केस की सुनवाई लोकपाल श्रीकांत प्रसाद ने बताया कि दो दिन में 32 केस की सुनवाई की गई। जिसमें से दस का निस्तारण कर दिया गया। इसमें से 5 उपभोक्ताओं के पक्ष में तथा 5 विभाग के पक्ष में निर्णय लिया। मेरठ डिस्कॉम में 118 केसलोकपाल श्रीकांत प्रसाद ने बताया कि मेरठ डिस्कॉम में 2016-17 में 118 केस आए थे। जिसमें से 49 केस में अगली तारीख दे दी गई है। जबकि 69 केस का निस्तारण कर दिया गया। इसमें 83 प्रतिशत केस उपभोक्ता के पक्ष में दिए। वहीं केवल 17 प्रतिशत केस विभाग के पक्ष में दिए। उधर पूरे प्रदेश में 478 केस आए थे जिसमें से 322 का निस्तारण कर दिया गया।
इस प्रकार के आए केस- कनेक्शन देने में देरी करना
- गलत बिल बना देना
- गलत बिल पर व्याज लगा देना - कनेक्शन कटवाने के बाद जमानत राशि का न देना तीन माह में निस्तारण लोकपाल ने बताया कि तीन माह के अंदर केस का निस्तारण कर दिया जाता है। बहुत कम होता है कि अगली तारीख दी जाए। अधिक से अधिक केस का निस्तारण करने का प्रयास किया जाता है।