जलभराव के कारण मकान में सीलन और दीवारें कमजोर हैं. देखिए ये कैंट की तस्वीर है
मेरठ। कैंट में करीब छह साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक सीवर लाइन नहीं बिछ सकी है। इस कारण कैंट के कई इलाकों में नालियां चोक रहती हैं। बारिश के दिनों में तो स्थिति और ज्यादा नाजुक हो जाती है। आम लोगों को आवाजाही में भी दिक्कत होती है। हालत यह है कि बारिश के दिनों में मकानों में सीलन आ जाती है।
पुराने मकानों पर खतरा
गौरतलब है कि कैंट के कई इलाकों में बारिश के दिनों में हालत और ज्यादा खराब हो जाते हैं। यहां कई मोहल्लों में पुराने मकान हैं, जो करीब 60 साल तक पुराने हैं। कैंट में सीवर लाइन कनेक्शन न होने से नालियों का चोक होना खुद में बहुत बड़ी समस्या है। इसका असर यहां के पचास साठ साल पुराने मकानों पर भी पड़ रहा है। यहीं नहीं हालात इतने बदत्तर है कि कोई बड़ा हादसा भी यहां हो सकता है। बारिश के दिनों के दिनों में मकान में सीलन से आने से खतरा मंडराता रहता है। नालियों के चोक होने से बराबर में सटे मकानों में ज्यादा मुश्किलें होती हैं।
कई मकानों में आ चुकी सीलन
कैंट के वार्ड छह में अरविंदपुरी, बंगला एरिया, सिटी स्टेशन, धर्मपुरी, चौक बाजार, दुर्गाबाड़ी मोहल्ला, रंजीत पुरी ये सभी बहुत ही पुराने मोहल्ले हैं। यहां 50 से 60 साल पुराने मकान हैं। इनमें पीढ़ी दर पीढ़ी लोग रहते हैं। यहां पर करीब 1500 दुकानें भी है और वहीं करीब तीन हजार घर है। इनमें करीब 16 हजार लोग रहते हैं। बरसात के दिनों में यहां की नालियां चोक हो जाती है, हालात तो यह हैं कि यहां पर विभिन्न मोहल्लों में करीब पांच दुकानों और 20 मकानों के बीते छह सालों में सीलन के चलते छत गिरना और दीवार गिरने के हादसे हुए है, हालांकि इनमें एक दो ही केस है कि जिनमें किसी के चोट लगी है या कोई ऐसा हादसा हुआ है, अधिकतर में बचाव हो गया है, लेकिन फिर भी यहां रहना खतरे की घंटी है, क्योंकि पुराने मकानों को बनाने के लिए भी कैंट बोर्ड परमिशन लेने में बहुत मशक्कत करनी पड़ती है, ऐेसे में दीवारों के गिरने का डर भी कुछ लोगों का बना रहता है।
चोक रहती हैं नालियां
वार्ड छह में नालियां तो चोक रहती हैं। कुछ जगह ऐसी है जहां पर गटर तक बने हुए हैं। उनके ढक्कन टूटे होने के कारण बरसात के दिनों आने जाने वाले लोगों के चोट लगने जैसे हादसे भी होते हैं। बचाव के लिए लोगों ने अपने स्तर पर हालांकि कई बार इनको ढकने का प्रयास किया है। वहीं नालियों में कूड़ा भरने के कारण जलभराव होने से कूड़ा नालियों से बाहर आ जाता है और गंदगी रहती है।
जल्द ही कैंट में सीवर कनेक्शन की समस्या का समाधान किया जाएगा, सभी समस्याओं को हल करने के लिए बोर्ड लगातार प्रयासरत है।
ज्योति कुमार सीईओ