2 से 5 घंटे तक देर रात रील देखने में व्यस्त रहते हैं युवा16 से लेकर 35 साल तक के लोगों में सबसे ज्यादा समस्याएं

केस वन: देर रात देखते हैं रील्स
दिनेश एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं। दिनभर काम में व्यस्त रहते हैं, लेकिन दिनभर की थकान के बाद रात को फोन स्क्रॉलिंग में जुट जाते हैं। व्हाट्सऐप, इंस्टग्राम, फेसबुक, यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर रील स्क्रॉलिंग करते हैं। पहले इंस्टा पर एक रील देखी, फिर दूसरी, फिर तीसरी, एक रील कब 30 में बदल जाती है, पता ही नहीं चलता। कब रात से दो बज जाते हैं, ये पता नहीं चला। इसका असर यह हुआ कि उनकी नींद खराब हो गई। दिन में भी चिड़चिड़ापन हो गया।

केस टू: चिड़चिड़ेपन की शिकायत
देवलोक कॉलोनी निवासी सुहानी मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। उनके हाथ मेंं हर समय मोबाइल रहता है। पढ़ाई के बाद सुहानी भी लेटते समय रील देखती रहती है। इंस्टा, यूटूयूब और फेसबुक पर रील देखते-देखते कब सुबह से तीन बज जाते हैं यह पता ही नहीं चलता। 4 से 5 घंटे तक रील देखने में कैसे बीत गए यह पता ही नहीं चला। इस दौरान कितनी भी झपकियां और उबासी आई, लेकिन स्क्रॉलिंग जारी रही। ऐसी स्थिति में लोग रिवेंज बेड-टाइम प्रोक्रैस्टिनेशन के शिकार हो रहे हैं।

मेरठ ब्यूरो। लाइफ में बेहतर अचीवमेंट के लिए फिटनेस बहुत जरूरी है, लेकिन अगर आपकी नींद पूरी न हो, तो पूरा दिन खराब हो जाता है। इसका सीधा असर परफॉर्मेंस पर पड़ता है। सोशल मीडिया पर वीडियो स्क्रॉलिंग के कारण रिवेंज बेड टाइम प्रोक्रैस्टिनेशन के केस बढ़ रहे हैं। दरअसल, नींद के दौरान हमारे शरीर के ज्यादातर बॉडी ऑर्गन्स आराम करते हैं। नींद में शरीर खुद को तरोताजा करता है। इम्यूनिटी बढ़ाता है। यानी नींद में हमारा शरीर बाइक और कार की तरह सर्विसिंग प्रोसेस से गुजरता है। कम नींद का मतलब है बॉडी को रिकवरी का टाइम न मिलना। इस कारण रिवेंज बेड टाइम प्रोक्रैस्टिेशन के मामले बढ़ रहे हैं। रोजाना 8 से 10 केस आ रहे हैं।

हेल्थ पर पड़ रहा असर
दिन भर व्यस्त रहने वाले लोगों के यह
कुछ घंटे एंटरटेनमेंट खोजने का एक तरीका हो सकता है,लेकिन आपके स्वास्थ्य पर इसका बहुत नकारात्मक असर पड़ता है। कुछ ऐसा ही मेरठ के युवाओं के साथ हो रहा है, यहां 16 से लेकर 35 साल तक के लोगों में रिवेंज बेड-टाइम प्रोक्रैस्टिनेशन की समस्या अधिक आ रही है।

यह जानना भी जरुरी
- नींद की कमी से किस तरह की परेशानियां हो सकती हैं?
- क्यों नींद की कीमत पर देर रात तक जाग रहे हैं लोग?
- रिवेंज बेडटाइम प्रोक्रैस्टिनेशन से कैसे निजात पा सकते हैं?

क्या है रिवेंज बेडटाइम प्रोक्रैस्टिनेशन
रिवेंज बेडटाइम प्रोक्रैस्टिनेशन का मतलब है, जब दिन भर के काम से थकने के बाद भी कोई सोने बजाय बिस्तर पर फोन चलाना पसंद करता हैं। यह फोन के सहारे नींद और थकान को टालने जैसा है। लोग सोचते हैं कि दिन भर की व्यस्तता के बाद वे कुछ घंटे खुद को दे रहे हैं। लेकिन खुद को समय देने का यह तरीका बिल्कुल गलत है क्योंकि हम खुद को समय देने की बजाय अपनी नींद के समय में कटौती कर रहे हैं। अपना स्लीप साइकल डिस्टर्ब कर रहे हैं, जिसका हमारे डेली रुटीन और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।

इस तरह की प्रॉब्लम होती है
मनोचिकित्सक डॉ। अरुण वशिष्ठ ने बताया कि अगर रात में नियमित अच्छी और पर्याप्त नींद न मिले तो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा कई गुना बढ़ सकता है। अपर्याप्त नींद की वजह से तनाव बढ़ता है, हार्ट डिजीज या इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। साथ ही जब शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिलता तो इससे हमारे व्यवहार में भी नकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है। रिवेंज बेडटाइम प्रोक्रैस्टिनेशन से अनिद्रा, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन,्र गुस्सा जैसी बीमारी हो सकती है।

बिगड़ जाता है मेलाटोनिन हार्मोन
मेलाटोनिन एक प्राकृतिक हार्मोन है। यह ब्रेन में पीनियल ग्रंथि से निर्मित होता है। यह ब्रेन की छोटी ग्रंथि होती है। यह अंत:स्रावी तंत्र का हिस्सा है। यह सोने -जागने के चक्र और सर्कैडियन लय को प्रतिबंधित करता है। अगर रोज हम देर तक जगेंगे तो यह हार्मोंन बिगड़ जाता है। इससे कई बीमारियां हो जाती हैं।

ये भी हो सकती है दिक्कत
- रात के समय में अधिक जागने वालों का कोर्टिसोल हार्मोन भी हाई पर रहता है।

- इससे माइंड ज्यादा समय तक एक्टिव मोड में रहता है, जिसकी वजह से व्यक्ति को तनाव हो सकता है।

- यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।

- इसकी वजह से व्यक्ति को मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर व स्ट्रेस की समस्या हो सकती है।
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ऐसे रखें ख्याल
इस समस्या से बचने के लिए रात में जल्दी सोने की प्रैक्टिस शुरू करें। बिस्तर पर जाने से एक घंटे पहले अलार्म सेट करें और सभी गैजेट्स से दूरी बनाएं। ऐसा करने से नींद जल्दी आएगी, जिससे दिन भर फ्रेश और रिलेक्स महसूस करेंगे।


नींद एक प्रकार से बॉडी और ब्रेन को रिचार्ज करने का काम करती है, जिससे आप जागने पर तरोताजा और एनर्जेटिक फील करते हैं, इससे कई गंभीर बीमारियों का जोखिम कम होता है,इसलिए नींद के महत्व को समझना चाहिए। हर रोज कम नींद या नींद न आने की समस्या हो रही है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
डॉ। पूनम देवदत्त, मनोवैज्ञानिक

हमें अपनी नींद पूरी लेनी चाहिए, आजकल युवाओं में रिवेंज बेड-टाइम प्रोक्रैस्टिनेशन की समस्या अधिक आ रही है। यह आदत धीरे-धीरे इंसान को साइको तक बना सकती है, इसके अलावा दिमाग से संबंधित भयंकर बीमारी में भी बदल सकती है, इसलिए ज्यादा रील्स देखने से बचें।
डॉ। विकास सैनी, सीनियर न्यूरो साइकेट्रिस्ट

Posted By: Inextlive