मेडिकल में हेल्पर बने डॉक्टर, डीजी हेल्थ ने मांगी रिपोर्ट
मेडिकल कालेज में महिला से छेड़छाड़ पर खुला राज, बाहरी कर रहे थे ड्यूटी
संबंधित विभागाध्यक्षों को नोटिस जारी, रेजीडेंट डाक्टरों ने रखा था हेल्पर Meerut। मेडिकल कालेज में किसी मरीज या परिजन के हादसा हो गया तो कोई जिम्मेदारी नहीं लेगा। कुछ रेजीडेंट डाक्टरों ने दर्जनभर से ज्यादा बाहरी व अनट्रेंड लड़कों को डाक्टर की ड्रेस पहनाकर डयूटी कराया। एक महिला से रात में छेड़छाड़ के बाद मामला खुला, जिस पर चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक ने रिपोर्ट तलब की है। प्राचार्य ने सभी विभागाध्यक्षों एवं रेजीडेंट डाक्टरों को नोटिस भेजकर सफाई मांगी गई है। कुछ पता नहींप्राचार्य डा। ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि मेडिकल कालेज के मेडिसिन सर्जरी, इमरजेंसी एवं आर्थोपेडिक्स विभाग में बाहरी लड़कों को डयूटी पर रखने की शिकायत मिली, जिसकी जांच कराई गई है। रेजीडेंट डाक्टरों ने अपने हेल्पर के तौर पर बाहरी नर्सिग स्कूलों के लड़कों को डयूटी पर रख लिया, जिसकी जानकारी विभागाध्यक्ष एवं प्राचार्य तक को नहीं दी गई। इन बाहरी व अनट्रेंड लड़कों ने डाक्टरों की ड्रेस पहनकर डयूटी की, और दर्जनों मरीजों का इलाज कर डाला। रिपोर्ट के मुताबिक कई मरीजों को नर्सिग होमों में भेजा गया, बल्कि ब्लड एवं रेडियोडाइग्नोस्टिक जांच के नाम पर भी पैसे कमाए गए। डयूटी कर रहे एक बाहरी लड़के ने रात में महिला से छेडृछाड़ कर दिया, जिससे रैकैट का पर्दाफाश हुआ। मामला थाने पर तक पहुंच गया। प्राचार्य ने एक बाहरी लड़के को फैंटम को भी सौंप दिया था। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर रिपोर्ट तलब की है, वहीं मामला डीजी चिकित्सा शिक्षा तक भी पहुंचा है। एक चिकित्सक ने बताया कि पिछले साल नीट की परीक्षा न होने से रेजीडेंट प्रथम वर्ष के डाक्टर नहीं मिले। दूसरे वर्ष के डाक्टरों पर लोड बढ़ने से उन्होंने अपने खर्चे पर नर्सिग छात्रों को बतौर हेल्पर रख लिया।
यह बेहद गंभीर विषय है। ये बाहरी लड़के गलत इलाज या कोई अपराध कर देते तो कौन जिम्मेदारी लेता? यह प्रश्न सभी विभागाध्यक्षों से पूछा गया है। उन्हें नोटिस का जवाब देना होगा। डा। ज्ञानेंद्र सिंह, प्राचार्य, मेडिकल कालेज