वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है. इस साल अक्षय तृतीया तीन मई यानि आज है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस साल अक्षय तृतीया मंगल रोहिणी नक्षत्र के शोभन योग में मनाई जाएगी. ग्रहों का ऐसा शुभ संयोग करीब 450 साल बाद बन रहा है.


मेरठ (ब्यूरो). वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है। इस साल अक्षय तृतीया तीन मई यानि आज है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस साल अक्षय तृतीया मंगल रोहिणी नक्षत्र के शोभन योग में मनाई जाएगी। ग्रहों का ऐसा शुभ संयोग करीब 450 साल बाद बन रहा है, जो काफी शुभ माना जा रहा है। ज्योतिषों के अनुसार शुभ मुहूर्त पर ही खरीदारी करना फलदायी है।

स्वराशि में मौजूद होंगे दो ग्रह
ज्योतिषों के अनुसार वैशाख शुक्ल तृतीया पर करीब 450 साल बाद दो ग्रह उच्च राशि में विराजमान होंगे। जबकि दो ग्रह अपनी स्वराशि में मौजूद होंगे। शुभ योग व ग्रहों की स्थिति के कारण अक्षय तृतीया पर स्नान व दान करने से पुण्य की प्राप्ति होगी। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन जल से भरे कलश पर फल रखकर दान करने से सकारात्मक उर्जा आती है। इसके साथ ही अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग, तैतिल करण और वृषभ राशि के चंद्रमा के साथ आ रही है। इस दिन मंगलवार और रोहिणी नक्षत्र होने से मंगल रोहिणी योग का निर्माण हो रहा है।

ज्योतिष भारत ज्ञान भूषण के अनुसार शुभ मुहूर्त

अक्षय तृतीया तिथि आरंभ- 3 मई सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर
अक्षय तृतीया तिथि समापन- 4 मई सुबह 7 बजकर 32 मिनट तक
रोहिणी नक्षत्र- 3 मई सुबह 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर 4 मई सुबह 3 बजकर 18 मिनट तक होगा।

कोट्स
अक्षय तृतीया पर चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ व शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे। इसके अलावा शनि अपनी स्वराशि कुंभ और गुरु ग्रह अपनी स्वराशि मीन में विराजमान रहेंगे। चार ग्रहों की स्थिति से अक्षय तृतीया पर शुभ संयोग बन रहा है। शुभ मुहूर्त में खरीदारी करना सुख समृद्धि लेकर आएगा।
अमित गुप्ता, ज्योतिषाचार्य

यह अक्षय तृतीय के दिन कोई भी मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। बिना किसी मुहूर्त के शुभ काम को किया जा सकता है।
भारत ज्ञान भूषण, ज्योतिषाचार्य

Posted By: Inextlive