मेरठ जिले में दबने लगा डेंगू का डंक
मेरठ (ब्यूरो)। स्थित यह है कि बुधवार तक जनपद में 213 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। वहीं डेंगू के 209 मरीज अब तक ठीक भी हो चुके हैं। उधर, बुधवार को कोरोना का कोई नया केस सामने नहीं आया है।
घर पर रिकवर हो रहे मरीजजिले में डेंगू का प्रकोप अपनी गति कम कर रहा है। मंगलवार को डेंगू का मात्र एक मरीज मिला जबकि बुधवार को यह संख्या शून्य रही। इससे पहले रोजाना तीन से पांच मरीजों की प्रतिदिन पुष्टि हो रही थी। अब तक जिले में कुल 213 मरीज आ चुके हैं। इनमें अब मात्र 4 सक्रिय केस हैं जबकि 209 मरीज अब तक ठीक भी हो चुके हैं। इनमें भी खासबात है कि रोजाना 2 से 3 मरीज घर पर रिकवर हुए। 209 में से करीब 70 से अधिक मरीज घर पर ही रिकवरी हो गए।
पीएल शर्मा में 40 बेड रिवर्ज
वहीं डेंगू के मरीजों को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी सतर्कता बरत रहा है। पीएल शर्मा जिला अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए एक 40 बेड का अलग अस्पताल बनाया गया है। जहां भर्ती होने वाले मरीजों को बेहतर उपचार दिया जा रहा है। इसके साथ ही मलेरिया विभाग की टीम भी ऐसे क्षेत्रों का लगातार भ्रमण कर रही हैं।
एलाइजा जांच के निर्देश
वहीं निजी अस्पतालों से आर रही डेंगू पॉजिटिव रिपोर्ट को स्वास्थ्य विभाग सही नहीं मान रहा है। जिस पर महकमे ने निजी अस्पतालों को एनएस-1 किट से पाजिटिव आने के बाद एलाइजा जांच भी कराने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत शहर के 50 बेड से अधिक के सात अस्पतालों को पोर्टल पर आइडी बनाकर सौंपी गई है। इस जांच में पॉजिटिव मिलने पर ही डेंगू की पुष्टि करने के लिए कहा है। यह रिपोर्ट अब आइएचआइपी पोर्टल पर मरीजों की डिटेल के साथ अपलोड करनी होगी।
सिर में अधिक और लगातार सिरदर्द होना।
मांसपेशियां, हड्डियों, जोड़ों में दर्द रहना।
हर समय इंसान का जी मिचलाते रहना।
बुखार के समय उल्टी आना।
आंखों के पीछे दर्द होना।
ग्रंथियों में सूजन आना।
त्वचा पर लाल चकत्ते होना। तीन तरह का होता है डेंगू
1. हल्का डेंगू बुखार- इसके लक्षण मच्छर के काटने के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं।
2. डेंगू रक्तस्त्रावी बुखार- इसके लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ दिनों में गंभीर हो जाते हैं।
3. डेंगू शाक सिंड्रोम- यह डेंगू का सबसे खतरनाक गंभीर रूप हैं। यहां तक की यह मौत का कारण बन जाता है।
डेंगू इस बार पूरी तरह कंट्रोल में है। जहां जहां संभावना अधिक है उन क्षेत्रों में लगातार फागिंग और जागरुकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इससे काफी हद तक इस बार डेंगू का प्रकोप कम है।
डॉ। अशोक तालियान, जिला सर्विलांस अधिकारी