17 दिसंबर को सेंट्रल मार्केट में हुई थी सनसनीखेज डकैती

लूटपाट को अंजाम देकर दिल्ली चले गए थे बदमाश

Meerut । शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में ज्वैलरी शोरूम में डकैती करने वाले गैंग का मेरठ पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। शोरूम में डाका दिल्ली के बदमाशों ने डाला था। पुलिस ने चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो बदमाश फरार चल रहे है। पुलिस ने लूटी गई रकम और काफी मात्रा में जेवरात भी बरामद किए हैं।

एडीजी ने किया खुलासा

पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि 17 दिसंबर को सेंट्रल मार्केट में रतिराम अनिल कुमार ज्वैलर्स के यहां तीन हथियार बंद बदमाशों ने गन प्वाइंट पर लाखों रूपये के जेवरात और कैश लूट लिया था। एडीजी ने बताया कि गैंग का सरगना मूल रूप से खंदक बाजार मेरठ और वर्तमान में भोलानाथ नगर ईदगाह रोड थाना फर्श बाजार दिल्ली निवासी अक्षय उर्फ विक्की, पुत्र लोकेश शर्मा है, जिसने रांझा निवासी अशोक नगर ज्योति नगर दिल्ली, मधुर वर्मा निवासी तेलवाड़ा फर्श बाजार दिल्ली और सचिन निवासी शुकलान गली छोटा बाजार फर्श बाजार शाहदरा दिल्ली के साथ लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया था। चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि इनके दो साथी शुभम निवासी गंगाराम तेलीबाड़ा दिल्ली और सूरज भारद्वाज निवासी ठाकुरद्वारा दिल्ली फरार चल रहे है।

मेरठ में किया है काम

एडीजी ने बदमाशों से पूछताछ के आधार पर बताया कि मुख्य आरोपी अक्षय उर्फ विक्की ने खंदक बाजार में काफी समय पहले रहते हुए सर्राफा बाजार घंटाघर पर पांच साल तक कारीगरी का काम किया था। फिर उसका पूरा परिवार मेरठ से दिल्ली के तेलीवाड़ा शिफ्ट हो गया था। दिल्ली में उसने क्रिकेट मैच के सट्टे का काम शुरू किया, जिसमें उसे 26 लाख रूपये का नुकसान हुआ। उसके ऊपर 26 लाख का कर्जा हो गया। कर्जा उतारने के लिए रुपयों की आवश्यकता थी। अक्षय सुनार का काम जानता था, इसलिए उसने अपने साथियों के साथ मिलकर मेरठ में सुनार की दुकान में लूटने की योजना बनाई। रेकी करने के बाद बदमाशों ने लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया। 17 दिसंबर को शुभम, रांझा, लाल रंग की अपाचे बाइक से और मधुर एक्टिवा से तेलीवाड़ा शाहदरा से सुबह करीब नौ बजे चले थे, विक्की और उसका साथी सूरज और सचिन बस से मेरठ के लिए चले थे। प्लानिंग के तहत सभी बदमाश पीवीएस मॉल के पास एकत्र हुए। इसके बाद विक्की, सचिन और सूरज एक्टिवा लेकर रतिराम अनिल कुमार ज्वैलर्स के शोरूम के पास जाकर रेकी करने लगे। दोपहर 1:20 बजे जब बाजार में लोगों का आवागमन कम था तो सचिन को वही छोड़कर वापस पीवीएस माल पर चले गए थे और अपने साथियों को लेकर रतिराम अनिल कुमार ज्वैलर्स की दुकान के पास आकर रुके। विक्की, सूरज दुकान के आगे एक्टिवा लेकर खड़े रहे और थोड़ी दूरी पर सचिन निगरानी करता रहा। रांझा, शुभम तमंचे के साथ व मधुर चाकू लेकर दुकान के अन्दर घुस गया और हथियारों के बल पर लूट की वारदात को अंजाम दिया।

वारदात के बाद दिल्ली भागे

डकैती की वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश दिल्ली के लिए फरार हो गए। दिल्ली पहुंचने के बाद बदमाशों ने कपड़े उताकर फेंक दिए और दूसरे कपड़े पहन लिए। जिसके बाद उन्होंने सर के बाल और दाढ़ी भी छोटी करा ली, ताकि पहचान में न आ सके। घटना में प्रयोग की गई अपाचे और एक्टिवा भी दिल्ली से चोरी किया गया था।

घर में गलाया सोना

एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि लूटा हुआ सोना व चांदी अक्षय उर्फ विक्की ने अपने ही घर में ही गलाकर छोटे-छोटे ठोस टुकड़ों में परिवर्तित कर दिया था। क्योंकि वह सुनार का काम भी पहले से जानता था। पुलिस ने काफी मात्रा में लूटा हुआ माल भी बरामद कर लिया है। पुलिस ने ग्यारह लाख रूपये कैश और सोना गलाने वाले उपकरण के साथ-साथ हथियार भी बरामद किए हैं।

सट्टे से बर्बादी तक का सफर

गैंग का सरगना अक्षय उर्फ विक्की बहुत ही शातिर है। मेरठ से जाने के बाद उसने क्रिकेट मैच में सट्टे का अवैध काम शुरू कर दिया। सट्टे का बुकी रहने से लेकर वह मोटा सट्टा भी खेलता था, जिसके कारण वह लाखों रूपये के कर्ज में आ गया। 26 लाख का कर्ज उतारने और मन में करोड़पति बनने का सपना पाल लिया। इसके लिए उसने अपने साथी रांझा, मधुर, सचिन, शुभम और सूरज तक को तैयार कर लिया। इनके मन में भी लालच आ गया और यह लखपति बनने के लिए तैयार हो गए। जिसके बाद ज्वैलरी शोरूम में डाका डालने का प्लान भी बना लिया।

पहले चुराते थे बाइक

गैंग सरगना विक्की ने बताया कि उसको अपना कर्ज उतारकर करोड़पति बनना था, बाकी पकड़े गए तीन बदमाशों ने बताया कि विक्की ने जिस तरह से प्लानिंग बनाई थी, उससे हमें ऐसा लगा था कि पुलिस हमें कभी नहीं पकड़ पाएगी और हम लखपति बन जाएंगे, लेकिन पुलिस बदमाशों के पीछे डटी रही और आखिरकार इनको दबोच लिया। अब से पहले स्कूटी और बाइक चोरी जैसी घटनाएं ही बदमाश कर चुके है।

हिल स्टेशन निकल गए बदमाश

मेरठ। बदमाशों ने अपने को लोकल मेरठ का दिखाकर लूट करने की प्लानिंग बनाई थी, लेकिन पास में लगे सीसीटीवी में वह कैद हुए और पुलिस को कड़ी मिलती चली गई। जब पुलिस ने इनके घरों पर दबिश देनी शुरू की तो उन्हें पता लग गया कि पुलिस पीछे लगी है, जिसके बाद बदमाशों ने पहाड़ों की वादियों में दिन गुजारे। बदमाशों ने देहरादून, जम्मू और शिमला समेत कई जगह फरारी काटी है। बदमाशों ने सर्राफ के पैसों से खूब मौज मस्ती की है। खास बात यह रही कि जहां-जहां बदमाश मौज मस्ती काट रहे थे, वहीं-वहीं पुलिस इनको पकड़ने के लिए दबिश भी दे रही थी, लेकिन इसके बावजूद आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आए। बदमाशों को लगता था कि पुलिस उनके पीछे है तो वह अपने ठिकाने तुरंत बदल देते थे। बदमाशों का मानना था कि लूट के बाद पुलिस लोकल गैंग पर फोकस करेगी और वह पकड़ में नहीं आएंगे।

छह महीने पहले की थी रेकी

बदमाशों ने रतिराम अनिल ज्वैलर्स के यहां डकैती करने के लिए करीब छह महीने तक रेकी की, जिसके बाद ही वारदात को अंजाम दिया गया है। सेंट्रल मार्केट में सभी सर्राफ के यहां रेकी करते रहे, लेकिन सबसे ज्यादा साफ्ट टारगेट यह ज्वैलरी शोरूम लगा, इसलिए डकैती की वारदात को आसानी से अंजाम दे दिया। दरअसल यहां पर कोई सिक्योरिटी गार्ड नहीं दिखा।

बहाने से दिया आर्डर

एडीजी प्रशांत कुमार ने खुलासा करते हुए बताया कि छह महीने पहले दुकान को अन्दर से देखने के लिए एक अंगूठी और चेन बनवाने के बहाने से वह दुकान के अन्दर गए और दुकानदार से बातचीत की और पांच हजार रूपये जमा कराकर चले गए। तीन दिन बाद दोबारा रेकी करने की नीयत से फिर वापस रतिराम ज्वैलर्स के शोरूम में आ गए। तीन दिन बाद दोबारा रेकी करने की नीयत से फिर वापस उसी दुकान पर गए और अपना आर्डर कैंसिल कराकर अपने पांच हजार रूपये वापस ले लिए। 15 दिसंबर को आकर बदमाशों ने आखिरी बार आकर रेकी की थी, जिसके बाद 17 दिसंबर को लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया था। बदमाश छह महीने से सुनारों की दुकानों की रेकी करते रहे। सेंट्रल मार्केट में रतिराम अनिल कुमार ज्वैलर्स के यहां कोई गन मैन या गार्ड नहीं था, इसलिए टारगेट किया गया।

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यू-टयूब से लिए वारदात के टिप्स

डकैती डालने की प्लानिंग भले ही बदमाशों ने बना ली हो लेकिन उनके मन में लगातार पुलिस का खौफ था। जी हां गैंग के सरगना से लेकर पकड़े गए तीनों आरोपियों को कानून और वर्दी का डर बना हुआ था। वह किस तरह से वारदात करें, इसको लेकर उन्होंने यू-टयूब से आइडिया लिया, तो पुलिस की गिरफ्त में न आए इसको लेकर क्राइम पेट्रोल भी देखते रहें। पुलिस से बचने के तरीके भी आनलाइन क्राइम पेट्रोल पर बदमाश लगातार छह महीने तक देखते रहे, लेकिन आखिरकार मिली उनको जेल।

मैं डिप्रेशन में था, अब जाकर नींद आएगी: अक्षय

एडीजी जिस समय पुलिस लाइन में खुलासा कर रहे थे उस समय पीडि़त सराफा व्यापारी अक्षय जिंदल और सेंट्रल मार्केट समेत शहर सराफा के व्यापारी भी बैठे थे। बातचीत में अक्षय जिंदल ने बताया कि जिस दिन से घटना हुई थी वह और पूरा परिवार काफी परेशान था। वह तनाव में भी आ गया था लेकिन अब उन्हें सुकून मिल गया है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने आवाज उठाई और पुलिस ने सहयोग कर आरोपी पकड़े है। इसलिए पुलिस की टीम बधाई पात्र है। पुलिस हमारी उम्मीदों पर खरा उतरी है। मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री विजय आनन्द अग्रवाल ने कहा कि पुलिस ने बहुत अच्छा कार्य किया है। जिस तरह से यह खुलासा किया गया है ऐसे ही अन्य घटनाओं का भी खुलासा किया जाना चाहिए।

सम्मानित होगी मेरठ पुलिस

करोड़ों रूपये की डकैती का खुलासा करने वाली टीम को डीजी पुरुस्कार से सम्मानित किया जाएगा। वहीं 50 हजार का ईनाम अपर मुख्य सचिव गृह ने देने की घोषणा की है। पुलिस महानिदेशक ने भी 50 हजार रुपये का ईनाम की स्वीकृति की है।

Posted By: Inextlive