Meerut News : डियर स्टूडेंट्स! थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए
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अक्षिता की दिल्ली बार एसोसिएशन की लॉ की डिग्री दो माह पहले सीसीएस यूनिवर्सिटी के वेरिफिकेशन विभाग में आई थी। कई बार चक्कर लगाए लेकिन यूनिवर्सिटी की मानें तो अभी तक वेरिफिकेशन का प्रोसेस पूरा ही नहीं हुआ है।
करण की यूपी बार एसोसिएशन की लॉ की डिग्री एक माह पहले सीसीएसयू में वेरिफिकेशन के लिए आई थी। करण ने कई बार विभाग के चक्कर लगाए लेकिन वेरिफिकेशन नहीं हो पाया। जबकि अगले माह तक हर हाल में यह वेरिफिकेशनन होना जरूरी है।
मेरठ (ब्यूरो)। अगर आपकी भी डिग्री सीसीएस यूनिवर्सिटी के सत्यापन विभाग में आई है तो आपको इंतजार करना होगा, कितना ये कह नहीं सकते। ऐसा मैैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि यूनिवर्सिटी के वेरिफिकेशन विभाग में पर्याप्त स्टाफ ही नहीं हैठीक यही बात यूनिवर्सिटी में डिग्री वेरिफिकेशन के लिए आने वाले हर स्टूडेंट से कही जाती है। आपको यकीन नहीं होगा कि यूनिवर्सिटी के वेरिफिकेशन विभाग में हजारों डिग्रियां कई महीनों से वेरिफिकेशन के लिए पेंडिंग में पड़ी है। जिसके चलते स्टूडेंट्स को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
50 हजार से अधिक डिग्री
सीसीएसयू के सत्यापन विभाग में बीते चार माह से 50 हजार से अधिक डिग्रियां वेरिफिकेशन के लिए आई हुई है। इनमें यूपी बार एसोसिएशन की 40 हजार, दिल्ली बार एसोसिएशन की आठ हजार, हरियाणा एंव पंजाब बार एसोसिएशन की दो हजार, नैनिताल बार एसोसिएशन की 1500, उप-शिक्षा अधिकारी उत्तराखंड की 1500 और बीएसए विभाग की करीब 2500 डिग्रियां पेंडिंग हैं।
दरअसल, यूनिवर्सिटी के सत्यापन विभाग में केवल तीन ही लोगों का स्टाफ है। इनमें एक वरिष्ठ पद पर हैं और दो सदस्य कनिष्क पद पर हैैं। इनमें से भी किसी ने किसी को कभी भी अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी जाती है तो कोई कभी छुट्टïी पर होता है। पूरी कुंडली खंगालते हैैं
सत्यापन विभाग के कर्मचारियों को डिग्रियों को वेरिफाई करने के लिए गोपनीय विभाग में जाना पड़ता है। पूरी कुंडली खंगालनी पड़ती है, जिसमें समय लगता है, ऐसे में पेंडिंग डिग्रियों का लोड बढ़ता जाता है और वेरिफिकेशन प्रोसेस लंबा हो जाता है। मेरी डिग्री सीसीएसयू में वेरिफिकेशन के लिए आई थी। मगर एक माह से ऊपर हो गया है, वेरिफिकेशन ही नहीं हो पाया। सीसीएयू वाले कहते हैैं कि जल्द करवा देंगे।
अंकिता
मेरी लॉ की डिग्री दो माह से पेंडिंग है। जब भी अपडेट लेने यूनिवर्सिटी जाती हूं तो वहां यही सुनने को मिलता है कि काम ज्यादा है और लोग कम है इसलिए थोड़ा समय लग रहा है।
राहुल
वंशिका हमारा प्रयास रहता है कि समय पर काम करें, लेकिन वेरिफिकेशन के प्रोसेस में जल्दबाजी नहीं चलती है। हमारी जवाबदेही होती है, कुछ गलत न हो। ऐसे में स्टाफ भी कम है, इसलिए कुछ डिग्रियों का वेरिफिकेशन पेंडिंग में है।
दुष्यंत, वरिष्ठ सहायक, वेरिफिकेशन विभाग, सीसीएसयू