प्रतिभा की 'प्रतिभा' निखार गए आडवाणी
-पुत्री प्रेम में भाजपा के लौहपुरुष मेरठ में नजर आए 'फिल्मी'
-प्रतिभा की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'तिरंगा' का किया प्रमोशन Meerut: भाजपा के फायरब्रांड नेता और लौहपुरुष का खिताब हासिल कर चुके देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी सोमवार को बदले-बदले नजर आए। पुत्री प्रतिभा के प्रेम में डूबे आडवाणी देशप्रेम बाते करते हुए डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'तिरंगा' का प्रमोशन करते नजर आए। कभी भाजपा की धुरी रहे आडवाणी ने आज सरकार में होने के वाबजूद देश की दिशा-दशा पर चर्चा तक नहीं की। एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करते मेरठ पहुंचे आडवाणी को सुनने आए पार्टी विचारधारा के लोगों को घोर निराशा हुई। फिल्म की तारीफपं। दीनदयाल उपाध्याय के 100वें जन्मशती समारोह में शिरकत करने पहुंचे पूर्व उप प्रधानमंत्री ने औपचारिक वार्ता के बाद प्रतिभा आडवाणी की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'तिरंगा' पर चर्चा शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि फिल्म वही सही है जो शिक्षाप्रद, प्रेरणाप्रद हो और उसमें देखी हुई फिल्मों का कुछ हिस्सा दिखाया जाए। फिल्म के प्रमोशन में आडवाणी इस कदर उलझ गए कि खुद के पत्रकारिता कैरियर के अनुभव से लेकर फिल्मी हस्तियों से जान-पहचान तक का जिक्र उन्होंने कर दिया। बता दें कि प्रतिभा की फिल्म 'तिरंगा' में राष्ट्रीय ध्वज की निर्माण यात्रा का जिक्र है। फिल्म को रोचक बनाने के लिए प्रतिभा ने बालीवुड मूवीज के देशभक्ति और तिरंगा से जुड़े गानों, डॉयलाग के अलावा स्मृतियों को शामिल किया है।
भावविभोर हुई प्रतिभा देश की राजनीति में मजबूत कद रखने वाले आडवाणी की पुत्री प्रतिभा इस आयोजन का आकर्षण का केंद्र रहीं तो वहीं प्रतिभा ने मंच से आडवाणी की पुत्री होना खुद का सौभाग्य बताया। पिता के निर्देशन में डॉक्यूमेंट्री बनाने की बात प्रतिभा ने कही तो वहीं आडवाणी ने माना कि वे प्रतिभा की सभी फिल्में देखते हैं। डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'तिरंगा' में आडवाणी का निर्देशन नजर आ रहा था। फिल्म बना रहे आडवाणी? केंद्र में भाजपा की सरकार और पितामह लालकृष्ण आडवाणी हाशिए पर। कभी भाजपा के निर्देशक रहे आडवाणी, नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद पुत्री की डॉक्यूमेंट्री का निर्देशन कर रहे हैं। ऐसा हम नहीं आयोजन में बैठे लोग कह रहे थे। फायर ब्रांड नेता आडवाणी के भाषण में उनकी राजनैतिक निष्क्रियता साफ झलक रही थी। भाजपाई और जुटा जनसमूह उन्हें सुनने आया था जबकि आडवाणी ने खुद को डॉक्यूमेंट्री के प्रमोशन में सिमटा दिया। इतना ही नहीं आडवाणी ने फिल्म निर्माताओं को नसीहत देते हुए कहा कि फिल्में ऐसी बनें जो प्रेरणादायक के साथ-साथ ज्ञानवर्धक हों।