11 साल पुरानी सीएनजी बसों के भरोसे दैनिक यात्री
मेरठ (ब्यूरो)। सडक़ों पर संचालित हो रही 11 साल पुरानी सीएनजी बसें और नई इलेक्ट्रिक बसों की कम संख्या है। पुरानी सिटी बसें आए दिन रास्ते में दम तोड़ती रहती हैं। अधिकतर नई इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शहर के बाहरी रूट पर हो रहा है। इससे दैनिक यात्रियों को नई इलेक्ट्रिक बसों की सेवा पूरी तरह नही मिल पा रही हैं।पिंक बसें अभी भी सपना इसके अलावा महिलाओं के लिए पिंक बस एक सपना ही बना हुआ है। सिटी ट्रांसपोर्ट से जुड़ी कुछ ऐसी ही समस्या को दूर करने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट पांच दिन के कैंपेन की शुरुआत कर रहा है। इस अभियान के तहत शहर के जरुरी रूटों पर सिटी बसों के संचालन और बसों की हालत में सुधार का प्रयास किया जाएगा।नही बढ़ रही बसों की संख्या
गौरतलब है कि महानगर बस सेवा के तहत साल 2010 में सिटी बसों का संचालन शुरु हुआ था। तब 130 के करीब सिटी बसें शहर में संचालित हो रही थी। 10 साल बाद 2020 में बसों की आयु पूरी होने पर बसों की संख्या कम होना शुरु हुई जो कि फरवरी 2021 तक पूरी तरह खत्म हो गई। मार्च 2021 में मात्र एक सिटी बस के भरोसे शहर के दैनिक यात्री थे। हालांकि तुरंत अप्रैल माह में नई सिटी बसें शहर में आनी थी लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सिटी बसों की डिलीवरी टल गई जोकि जून 2021 में मात्र 5 बसों के साथ शुरु हुई। 11 पुरानी बसें चल रही हैं करीब सवा साल तक सिटी बसों की सुविधा से महरुम रहने के बाद सितंबर 2021 में शहर के लोगों को सीएनजी सिटी बसों की सुविधा मिलना तो शुरु हो गई थी, लेकिन इन सिटी बसों की हालत इस कदर खस्ता थी फिटनेस के बाद भी सीएनजी सिटी बसें शहर की सडक़ों पर आए दिन बीच सफर में दम तोड़ रही हैं। क्योंकि ये बसें पुरानी हैं और कानपुर में अपनी सेवाएं देने के बाद अब मेरठ में अपनी सेवाएं दे रही हैं। पिंक सीट भी नहीं
महिलाओं के सुरक्षित सफर के लिए सालों से पिंक बसों के संचालन की कवायद भी अधर में है। कई बार महिलाओं के लिए स्पेशल पिंक बसों की येाजना तो बनी लेकिन बसें कुछ दिन चलकर बंद हो गई। इसके बाद सीएनजी बसों में महिलाओं को ध्यान में रखते हुए ड्राइवर के पीछे की छह सीट को महिलाओं के लिए आरक्षित रखने का नियम बनाया गया था। इन बसों को पिंक कलर में भी कराया गया था लेकिन यह पिंक सीट भी दैनिक यात्रियो की भीड़ में गुम हो चुकी हैं। 40 इलेक्ट्रिक बसें फिर भी इंतजारशहर में मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट के तहत 50 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन होना था। इनमें से 30 बसों का संचालन जनवरी में ही शुरू हो गया था। जबकि 10 बसों की डिलीवरी दिसंबर माह में मिल चुकी है। लेकिन अधिकतर बसों का संचालन देहात रूटों पर हो रहा है। इन बसों के देहात रूट पर संचालन होने के कारण शहर के लोगों को इलेक्ट्रिक बसों के लिए घंटों का इंतजार करना पड़ता है।
हमारी 73 सीएनजी बसें ऑनरोड सेवा दे रही हैं इससे अलग 30 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन जारी है। जल्द 10 अन्य बसें भी संचालित होना शुरु हो जाएंगी। सीएनजी बसों में जो कमियां हैं उनको निरंतर सही कराया जाता है। - विपिन सक्सेना, एआरएम