लोगों की सेल्फी को हथियार बना साइबर क्रिमिनल्स दे रहे ठगी को अंजाम कई बैैंक और कंपनियों ने सेल्फी ऑथेंटिकेशन को कर दिया जरूरी।

मेरठ (ब्यूरो)। आपकी एक सेल्फी आपको साइबर फ्रॉड का शिकार बना सकती है। अपने सोशल एकाउंट पर लगातार सेल्फी अपलोड करने वाले लोगों को इस पर खास ध्यान देने की जरूरत है। एक्सपर्ट बताते हैं कि साइबर क्रिमिनल्स की नजर आपके एकाउंट पर बनी हुई है। सेल्फी के जरिए ठगी करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

बन रही ठगी का जरिया
कुछ एप्स व वेबसाइटस लोगों को अपनी आईडेंटिटी साबित करने के लिए बतौर प्रूफ सेल्फी अपडेशन की मांग करती हैं। कई शॉपिंग एप्स भी अब सेल्फी की मांग करने लगी हैं। किसी भी तरह के खतरे से अंजान लोग अपनी सेल्फी लेकर अपलोड भी कर देते हैं। कई बैंक और कंपनियां इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रही हैं। जिसे सेल्फी ऑथेंटिकेशनकहा जाता है। साइबर क्रिमिनल्स इसी का फायदा उठा रहे हैं। वह फिशिंग अटैक करते हैं। पहले ईमेल या मैसेज के जरिए एक लिंक भेजते हैं। बैंक या कंपनी का ईमेल या मैसेज समझ लोग उस लिंक पर क्लिक कर लेते हैं। तुरंत ही इसमें सेल्फी ऑथेंटिकेशन के लिए कहा जाता है। जैसे ही वह सेल्फी अपलोड करते हैं, उनके साथ ठगी हो जाती है।

पीडि़त को नहीं लगती भनक
एक्सपर्ट बताते हैं कि साइबर क्रिमिनल्स सिर्फ सेल्फी ऑथेंटिकेशन के जरिए ही फ्रॉड नहीं कर रहे हैं बल्कि कई और तरीकों से फ्रॉड हो रहा है। वह किसी का भी फोन हैक कर उनमे मालवेयर इंस्टाल कर कैमरे पर कंट्रोल कर लेते हैं। इसके बाद वह खुद ही सेल्फी क्लिक करवाने लगते हैं। जबकि पीडि़त को इसकी भनक तक नहीं लगती है। सोशल मीडिया अकाउंट से भी फोटो चुराकर इस तरह की घटनाओं का अंजाम दिया जा रहा है। इससे बैंक से लोन लेने तक जमा पैसे तक निकाले जा रहे हैं।

फैक्ट फाइल
मेरठ में हर तीन घंटे में एक साइबर अपराध।

5 हजार से अधिक साइबर क्राइम के मामले बीते ढाई साल में दर्ज हुए।

3 घंटेे में औसतन दर्ज हो रहा है साइबर क्राइम का एक मामला

14 करोड़ से ज्यादा रुपए बीते ढाई साल में ठग चुके हैं क्रिमिनल्स।

4 करोड़ रुपए की रिकवरी का दावा पुलिस प्रशासन ने किया है।

1700 केस साल 2022 में साइबर अपराध के तहत दर्ज हुए थे।

2500 मामले साल 2023 में दर्ज हुए थे।

1700 मामले अभी तक दर्ज किए गए साल 2024 में।

एक लाख रूपये तक की ठगी के मामले लोकल थाने में दर्ज होते हैं।

एक लाख रूपये से अधिक की ठगी के मामले साइबर थाने में दर्ज होते हैं।

आंकड़ों की मानें तो साइबर अपराध के मामले यूपी सबसे आगे।

यहां करें शिकायत
साइबर सेल एक्सपट्र्स के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति किसी भी तरह से साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाता है तो तुरंत हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करवाएं। डायल 112 पर भी कॉल कर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। साइबर क्राइम।गोव।इन पर भी मामला रजिस्टर्ड करवाया जा सकता है। वहीं अपने पास के थाने, साइबर थाने में भी मामला दर्र्ज करवाया जा सकता है।

साइबर फ्रॉड से बचने के लिए ये जरूर जान लें
अनचाहे और अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
ओटीपी कभी भी किसी से भी शेयर न करें।
फोन में ओटीपी से संबंधित मैसेज को पूरा पढ़ें। सिर्फ ओटीपी देखकर ही मैसेज न छोड़े।
अपने फोन में कभी भी अंजान एप डाउनलोड न करें।
किसी भी कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट से ही टोल फ्री नंबर लें। गूगल पर सर्च न करें। यहां भी स्कैमर्स एक्टिव रहते हैं।
किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए पूरी जानकारी संबंधित कार्यालय से ही प्राप्त करें।
अपने पासवर्ड, एटीएम पिन आदि जल्दी-जल्दी बदलते रहें।
ऑनलाइन कूपन, फ्री गिफ्ट, अधिक डिस्काउंट के चक्कर में न फंस।
बैंक से कभी भी ओटीपी या लिंक के लिए कॉल नहीं आती है। यदि ऐसी कोई कॉल आती है तो सावधान हो जाइए।

इनका है कहना
किसी के साथ अपनी निजी जानकारी शेयर न करें। यदि किसी के साथ साइबर फ्रॉड हो जाता है, तब तत्काल ही 1930 पर सूचना दें। साइबर क्रिमिनल्स नए-नए तरीके से फ्रॉड कर रहे हैं। इनसे बचने के लिए सोसाइटी का जागरूक होना बहुत जरूरी है।
नेत्रपाल सिंह, प्रभारी, साइबर सेल

लोगों में जागरूकता की कमी है। अनजाने में लोग गूगल पर दिए टोल फ्री नंबर, लोन एप, फाइनेंस कंपनी समेत कई जगहों पर अपना डाटा खुद ही भेज देते हैं। यही से उनके आधार कार्ड और अन्य डिटेल्स स्कैमर्स तक पहुुंच जाती हैं। फोटो भी खुद ही अपलोड कर देते हैं। इनसे बचना जरूरी है।
कर्मवीर सिंह, साइबर एक्सपर्ट

Posted By: Inextlive