बर्बाद फसल के सदमे में फांसी लगाई
-तहसील क्षेत्र में अभी तक मौत को गले लगा चुके है सात किसान
-खेत पर नलकूप के कुएं में लगे पाइप से झूल गया फंदे पर -तहसीलदार ने सहायता का आश्वासन देकर शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया हस्तिनापुर : क्षेत्र के गांव दरियापुर गांव में एक किसान ने अपनी गेहूं की नष्ट हुई फसल के सदमे में नलकूप के कुएं में लगे पाइप में चुन्नी के फंदे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। किसान सुबह गेहूं कटाई करने को कहकर खेत पर गया था। इसका पता तब चला जब साढ़े दस बजे उसकी पत्नी खेत पर खाना लेकर पहुंची। मौके पर पहुंचे तहसीलदार के काफी समझाने के बाद लगभग तीन घंटे बाद शव को उठने दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया। गेहूं की कटाई के लिए आया थाघटना गांव दरियापुर से निडावली जाने वाले मार्ग स्थित नलकूप की है। पीडि़त परिजनों ने बताया कि उनकी लगभग बारह बीघा भूमि है। गुरुवार सुबह 6 बजे किसान अमित खेत पर गेहूं की कटाई करने के लिए आया था। उसकी पत्नी रेखा लगभग दस बजे जब खाना लेकर खेत पर पहुंची तो वहां कुछ गेहूं कटे हुए मिले, परंतु वहां अमित नहीं था। रेखा खोजती हुई नलकूप के पास पहुंची तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। नलकूप के ऊपर लगा छोटा सा गेट खुला हुआ था। उसने उसमें झांककर देखा तो गले मे चुन्नी के फंदे से अमित का शव लटका हुआ। रेखा की चीख पर आस पास के खेतों मे गेहूं की कटाई कर रहे लोग भी वहां पहुंचे और बामुश्किल अमित के शव को बाहर निकाला। परिजनों को कहना है कि अमित ने बुधवार शाम 8 बीघा खेत के गेहूं की थ्रे¨सग कराई थी, जिससे काफी कम अनाज निकला था। पहले से कर्जदार होने और साहूकार का तकादे से परेशान हो वह टूट गया। मृतक किसान के तीन छोटे बच्चे हैं।
कर्ज में डूबा था किसान अमित के पिता ने बताया कि वह अभी बीमारी से जूझ रहा है और कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहा, जिसमें अमित ने साहूकार से कर्ज लेकर इलाज में पैसा लगाया। वहीं उसने मोरना स्थित बैंक से एक लाख अस्सी हजार रुपये व साधन सहकारी समिति निडावली से भी एक लाख रूपये ऋण लिया हुआ था। नलकूप की बिजली काट गए थे ऊर्जा निगम कर्मीकिसानों के नुकसान को देखते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की हुई है कि कोई भी अधिकारी किसान को ऋण जमा करने के लिए बाध्य नहीं करेगा बावजूद इसके ऊर्जा निगम के कर्मचारियों पर इसका कोई असर नही दिखाई दिया। मृतक अमित के पिता शेर सिंह ने रोते हुए बताया कि बाइस हजार बिल नहीं जमा होने पर कर्मचारी नलकूप की लाइन भी काट दी थी। इसे लेकर अमित बहुत परेशान था कि गेहूं की फसल तो नष्ट हो गई अब ईख की बुवाई के लिए पानी की व्यवस्था कहां से करेगा।