लूट के लिए किराए पर चल रहे चोरी के वाहन
लूट के लिए बदमाशों द्वारा कबाडि़यों को दिया जाता है दोपहिया वाहनों का ऑर्डर
वाहन देने के एवज में लूट गई रकम में 10 फीसदी हिस्सा लेते हैं कबाड़ी रिस्क से बचने को कबाड़ी एडवांस पेमेंट के साथ किराए पर घंटों के हिसाब देते है वाहन किराए पर दिए गए वाहन के लिए कबाड़ी वसूलते हैं पांच घंटे के 10 से 15 हजार रूपयेMeerut। दिल्ली गेट पुलिस द्वारा बीते बुधवार को गिरफ्तार किए पांच वाहन चोरों ने अवैध कटान में शामिल कबाडि़यों से जुड़े कई खुलासे किए थे। मगर पुलिस ने इस बाबत कोई जानकारी शेयर नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक वाहन चोरों ने जो खुलासा किया वो हैरान करने वाला था। दरअसल, वाहन चोरों ने बताया कि अवैध वाहन कटान में शामिल सोतीगंज के कबाड़ी दोपहिया वाहनों को केवल ऑन डिमांड पर चोरी करवाते हैं। वहीं ऑन डिमांड पर चोरी के दोपहिया वाहनों को लूट के लिए यूज किया जाता है। इन वाहनों के लिए कबाडि़यों द्वारा वारदात से पहले नो कटान पॉलिसी लागू की जाती है।
लूट के लिए चोरीसूत्रों के मुताबिक मानें तो वाहन चोरों द्वारा किए गए खुलासे के के तहत सोतीगंज के कबाडि़यों के कई जिलों के कुख्यातों से भी कनेक्शन हैं। जो लूट और हत्या के लिए कबाडि़यों को तेज दौड़ने वाले दोपहिया वाहनों का ऑर्डर देते हैं। वाहन चोरी के लिए कोई एडवांस रकम नहीं दी जाती है। बल्कि लूट की रकम में कबाड़ी का 10 फीसदी हिस्सा शामिल होता है। इसी 10 फीसदी के बदले सोतीगंज के कबाड़ी जिस जिले और जिस राज्य में क्राइम होना होता है, वहां के चोरों से संपर्क कर ऑन डिमांड वाहन चोरी करवाते हैं।
वारदात के वाहन वापस सूत्रों के मुताबिक लूट करने वाले वारदात को अंजाम देने के बाद वाहन को वापस चोर को सौंप दिया जाता है। चोर नियम के मुताबिक कबाड़ी से अपना कमीशन लेकर दोपहिया वाहन वापस कर देता हैं। इसके बाद वाहन का पुर्जा-पुर्जा कर उसे मेरठ के सोतीगंज के लिए लोड करके भेज दिया जाता है। वहीं वाहन के चेसिस और इंजन को क्रश कर दिया जाता है। वाहन के कटान संबंधित सभी फोटो सोतीगंज के कबाडि़यों को रिसीव होते ही उनका कमीशन किसी भी ऑनलाइन पेमेंट गेटवे से उन्हें ट्रांसफर कर दिया जाता है। घंटों के लिए किराए परसूत्रों के मुताबिक कबाड़ी विश्वसनीय कुख्यातों के साथ ही लूट के बाद मिलने वाले 10 फीसदी हिस्से के बदले वाहन देने को राजी होते हैं। अन्य बदमाशों से कबाड़ी चोरी के वाहन के एवज में घंटों के हिसाब से एडवांस पेमेंट लेते हैं और वाहन किराए पर देते हैं। पांच घंटे के लिए 10 से 15 हजार रूपये वसूले जाते हैं। सूत्रों ने बताया कि कभी कभार जिले में एक साथ एक बाइक पर जो एक से ज्यादा लूट की वारदात होती हैं, वो इस किराए समेत अपना मुनाफा कमाने के लिए ही की जाती है।
चोरी और लूट के वाहनों से कुछ घटनाएं हुई है। ऐसे गैंग पर निगरानी रखने के लिए सभी थानेदारों को निर्देशित किया गया है। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विनीत भटनागर, एसपी सिटी, मेरठ