लास्ट स्टेज में पहुंचा लास्ट टनल का निर्माण कार्य
मेरठ (ब्यूरो)। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर अंडरग्राउंड टनल निर्माण का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। इसके साथ ही आरआरटीएस भैंसाली से बेगमपुल तक बनाई जा रही छठी और आखिरी टनल के ब्रेक थू्रकी तैयारी में जुट गया है। गौरतलब है कि मेरठ में संपूर्ण अंडरग्राउंड सेक्शन की लंबाई लगभग 5.5 किमी है और इसमें से 100 मीटर से भी कम का हिस्सा टनल निर्माण के लिए बाकी है।
15 माह के भीतर पूरा
शहर में तैयार की जा रही इस आखिरी टनल की लंबाई लगभग एक किमी है। यह टनल, सुदर्शन 8.2 (टनल बोरिंग मशीन) द्वारा बनाई जा रही है और इसके निर्मित होते ही मेरठ में अंडरग्राउंड सेक्शन में टनलिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। भैंसाली से बेगमपुल की ओर निर्मित की जा रही इस टनल का ब्रेकथ्रू बेगमपुल रिट्रीविंग शाफ्ट में किया जाएगा। भैंसाली से मेरठ सेंट्रल के बीच मेरठ की पहली टनल बनाने के लिए टीबीएम 8.1 को भैंसाली लॉन्चिंग शाफ्ट से अप्रैल 2022 में लॉन्च किया गया था। तब से लेकर अब तक 15 महीनों के भीतर मेरठ में सभी 6 टनलों का निर्माण सफलतापूर्वक पूर्ण करना शहर के लोगों की सुविधा के लिए तैयार हो रहे विश्वस्तरीय आरआरटीएस प्रोजेक्ट के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
35 हजार टनल सेगमेंट्स
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस एवं मेरठ मेट्रो कॉरिडोर पर शहर में मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल तीन भूमिगत स्टेशन हैं। इन स्टेशनों को आपस में जोडऩे के लिए तीन भागों में दो समानांतर टनल का निर्माण किया जा रहा है, यानी कुल छह टनल निर्मित की जा रही है। भैंसाली से मेरठ सेंट्रल, गांधी बाग से बेगमपुल और भैंसाली से बेगमपुल के बीच इन समानान्तर टनलों का निर्माण किया जा रहा है। भैंसाली से मेरठ सेंट्रल और गांधी बाग से बेगमपुल के बीच की दोनों समानान्तर टनल पहले ही बनकर तैयार हो चुकी हैं। वर्तमान में भैंसाली से बेगमपुल के बीच बनाई जा रही समानान्तर टनल की पहली टनल को टीबीएम 8.1 द्वारा जून 2023 में तैयार किया था और अब इसकी दूसरी समानान्तर टनल भी पूर्ण होने जा रही है। मेरठ में सभी टनल के निर्माण के लिए लगभग 35 हजार टनल सेगमेंट्स का प्रयोग किया गया है।
होगा रिंग का निर्माण
इन टनल सेगमेंट की कास्टिंग एनसीआरटीसी के शताब्दी नगर स्थित कास्टिंग यार्ड में, सुनिश्चित गुणवत्ता नियंत्रण के साथ की जा रही है। टनलिंग प्रक्रिया में, प्री-कास्ट सेगमेंट को बोर की गई टनल में इंसर्ट किया जाता है और सात सेगमेंट्स को जोड़कर एक रिंग का निर्माण किया जाता है। इन सेगमेंट और रिंग को बोल्ट की मदद से जोड़ा जाता है। इस सेक्शन में यह टनल शहर के भीड़ भाड़ वाले इलाक़ों को पार करती हुई, बेगमपुल नाले के नीचे से होती हुई बेगमपुल स्टेशन तक पहुंच रही है। सुदर्शन 8.2 द्वारा नाले को पार करने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया गया और विशेषज्ञों द्वारा पूरी सतर्कता बरती गई। इस सेक्शन में 600 मीटर रेडियस का एक बहुत ही तीखा मोड़ भी था, यहां टीबीएम द्वारा टनलिंग करना एक कठिन काम था। इस टनल का ब्रेकथ्रूजमीन से लगभग 14 मीटर गहराई में किया जाएगा।
मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल भूमिगत स्टेशनों में से मेरठ सेंट्रल और भैंसाली, मेरठ के मेट्रो स्टेशन हैं, जबकि बेगमपुल आरआरटीएस स्टेशन है, जहां मेट्रो और आरआरटीएस दोनों सेवाएं मिलेंगी। एनसीआरटीसी मेरठ में आरआरटीएस नेटवर्क पर ही स्थानीय पारगमन सेवाएं, मेरठ मेट्रो प्रदान करने जा रहा है, जिसमें 23 किमी की दूरी में 13 स्टेशन होंगे। एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि कॉरिडोर को 2025 तक जनता के लिए परिचालित कर दिया जाए।