गैस चैंबर बना शहर
मेरठ, (ब्यूरो)। दरअसल, दीपावली के दौरान की आतिशबाजी और पंजाब व हरियाणा में पराली जलने से वेस्ट यूपी की हवा में घुले प्रदूषक तत्वों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। एक्सपट्र्स का मानना है कि दीपावली के बाद प्रदूषण कम हो जाता, यदि तेज हवाएं चलती। मगर पिछले पांच दिनों से हवाओं की गति चार से पांच किलोमीटर प्रतिघंटा के चलते ऐसा नहीं हो पाया। वहीं हवा की कमी के कारण प्रदूषक तत्व भी वातावरण से हटने का नाम नहीं ले रहे हैैं। कुल मिलाकर जनपद में गैस चैंबर जैसी स्थिति बन गई है।
यह रहा मंगलवार को एनसीआर का एक्यूआईबागपत- 442
गाजियाबाद- 451
मेरठ- 433
हापुड़ - 433
ग्रेटर नोएडा- 412
मुजफ्फनगर- 410
दिल्ली- 404
बुलंदशहर- 388
(सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार) यह रहा मेरठ का पॉल्यूशन स्तर
गंगानगर- 430
जयभीम नगर- 435
पल्लवपुरम- 411
(यूपीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार)
रेलवे हुआ अलर्ट
वहीं दूसरी ओर तेजी से बढ़ते पॉल्यूशन के कारण सुबह के समय स्मॉग और धुंध के बढ़ते असर से किसी प्रकार का ट्रेन हादसा न हो इसके लिए रेलवे भी अलर्ट हो गया है। धुंध के कारण रेलवे ट्रैक पार करते समय दूर से ट्रेन नहीं दिख पाती है, वहीं सिग्नल भी देखने में परेशानी होती है। इन सब परेशानी को देखते हुए मंगलवार को कंकरखेड़ा कासमपुर रेलवे फाटक पर आरपीएफ जवान तैनात रहे।
इस दौरान धुंध कम होने तक आरपीएफ के जवान कंकरखेड़ा कासमपुर फाटक पर ट्रेनों के आवागमन के समय अलग-अलग जगह पर तैनात रहे। फाटक बंद होने के बाद फाटक के नीचे से निकलने वाले दुपहिया वाहनों को आरपीएफ जवानों ने रोका और उन्हें फाटक खुलने तक इंतजार करने और संभल कर रेलवे ट्रेक पार करने के लिए जागरूक किया।