स्कूल चलो अभियान के तहत पढऩे वाले बच्चों की अब एक अलग पहचान होगी. यूपी सरकार ने सभी स्कूलों को निर्देशित किया है कि वह अपने यहां पढऩे वाले बच्चों की एक यूनिक आईडी तैयार करें.


मेरठ (ब्यूरो)। स्कूल चलो अभियान के तहत पढऩे वाले बच्चों की अब एक अलग पहचान होगी। यूपी सरकार ने सभी स्कूलों को निर्देशित किया है कि वह अपने यहां पढऩे वाले बच्चों की एक यूनिक आईडी तैयार करें। आईडी बनवाने के पीछे सरकार का उद्देश्य है कि जो स्टूडेंट्स किन्हीं कारणों बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं, उन्हें ट्रेस किया जा सके। साथ ही पढ़ाई छोडऩे का कारण जानकर उन्हें स्कूल आने के लिए फिर से प्रेरित किया जा सके।

बच्चों की जानकारी होगी
बेसिक शिक्षा विभाग स्कूलों में पढऩे वाले पुराने स्टूडेंट्स की जुलाई तक यूनिक आईडी तैयार कर लेगा। जबकि इसके बाद हर साल नए स्टूडेंट्स की आईडी तैयार की जाएगी। इस आईडी से जहां एक तरफ बच्चों की प्रगति के बारे में पता चल सकेगा। वहीं दूसरी ओर किन्हीं कारणों से स्कूल छोडऩे वाले बच्चों की भी जानकारी पता चल सकेगी। जिसके बाद उन्हें आसानी से ट्रेस किया जा सकता है। इसके साथ ही स्कूलों में बच्चों को दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं का भी पता लगेगा। जिससे फर्जीवाड़ा आसानी से रोका जा सकता है। सरकार की प्लानिंग यह भी है कि इस यूनिक आईडी के आधार पर ही इंटरमीडिएट तक स्कूलों में एडमिशन दिया जाएगा।

मेरठ में 1400 स्कूल
प्रदेश में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित होने वाले करीब ढाई लाख स्कूल हैं। इनमें मेरठ के 14 सौ स्कूलों में पौने दो लाख स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। इसके अलावा प्राइवेट स्कूलों की भी संख्या ज्यादा है। सरकारी और एडेड स्कूलों में कई योजनाएं जैसे स्कूल बैग, यूनिफॉर्म, जूता-मोजा और सर्दियों के लिए स्वैटर आदि संचालित हैं। जिनका पैसा स्टूडेंट्स के पेरेंट्स के खातों में भेजा जाता है। जिनका लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है। सरकार हर साल छह से 14 साल तक केबच्चों की खोज के लिए अभियान चलाती है। अगर, आंकड़ों की बात करें तो रजिस्टर पर करीब सात करोड़ छात्र कहां और किन जगहों पर पढ़ रहे हैं इसकी जानकारी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है।

अपलोड होगा रिजल्ट
बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र ने बताया कि बच्चों के लिए चाइल्ड ट्रेसिंग सिस्टम बनाने पर जोर दिया जा रहा है। यूनिक आईडी में बच्चों का हर साल का रिकॉर्ड जैसे उनकी उपस्थिति, वह स्कूल नहीं आ रहे हैं तो क्यों आदि जानकारी ऑनलाइन रखी जाएगी। बताया कि स्कूल में एडमिशन लेने वाले हर बच्चे की यूनिक आईडी बनाई जाएगी। इंटरमीडिएट तक की कक्षाओं में प्रवेश इसी आईडी के आधार पर मिलेगा। विभाग इसके लिए पोर्टल बनाएगा। जिस पर सभी तरह के स्कूलों के छात्र-छात्राओं का ब्योरा अपलोड करना होगा।

वर्जन
मेरठ शिक्षा विभाग का पोर्टल लगभग तैयार हो चुका है। रिकॉर्ड मेनटेन करने में स्कूली टीचर्स की मदद ली जाएगी। इसके लिए उनको मई-जून में टे्रनिंग देने की तैयारी भी की जा रही है। टे्रनिंग में टीचर्स को बताया जाएगा कि उनको डाटा कैसे और कहां पर जाकर भरना होगा।
योगेंद्र कुमार, बीएसए

Posted By: Inextlive