कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मेधावी छात्रों को बांटे मेडल
मेरठ (ब्यूरो)। आज भी दहेज के कारण हजारों लड़कियां आत्महत्या कर रहीं हैं। इतनी होनहार बेटियां हमारे यहां हैं, लेकिन एक सच यह भी है कि 2017 से 2021 तक 35 हजार 900 महिलाओं ने दहेज के लिए आत्महत्या की। इनमें से सबसे ज्यादा 11,008 बेटियां यूपी की हैं। इसे रोकने के लिए जनप्रतिनिधि आगे आएं। बाल विवाह रोकें। यह न कहें कि हमारे पास एप्लीकेशन नहीं आई है। बल्कि तुरंत एक्शन लें। आवाज नहीं उठाई तो हमारी बेटियां ऐसे ही मरती रहेंगी। और हम बाद में शोक मनाते रहेंगे। यह बात राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कही। वे गुुरुवार को सीसीएस यूनिवर्सिटी के 34वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा दहेज उत्पीडऩ के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए । दहेज हत्या रोकने के लिए सीसीएस यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के टीचर को गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करना चाहिए। ताकि दहेज का दानव खत्म हो।
बेटों को विशेष बधाई
दीक्षांत समारोह में 70 फीसदी से ज्यादा लड़कियों को मेडल मिले। इस पर राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है, लेकिन जिन 30 फीसदी छात्रों को पदक मिले हैं। उन्हें विशेष बधाई। उन्होंने कहा कि ये अवॉर्ड इन्होंने नहीं लिए होते तो सारे मेडल ही बेटियां ले जातीं। मैं अपेक्षा करती हूं कि अगली साल ये संख्या 50-50 रहे। उन्होंने कहा कि लेकिन कहीं ऐसा न हो जाए कि अगले साल लडक़ी 90 फीसदी और 10 फीसदी लडक़े रह जाएं।
उन्होंने दहेज के कारण हुई हत्याओं पर चिंता जताई। उन्होंने समाज के हर वर्ग को दहेज प्रथा के खिलाफ आंदोलन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जहां 70 प्रतिशत बेटियों को स्वर्ण पदक मिला है। वहीं, यूपी में बीते 5 वर्ष में 11,800 महिलाओं की आत्महत्या चिंता का विषय है। बचाना है अपनी संस्कृति को हमें
आनंदी बेन पटेल ने कहा कि एक समय था जब मैंने कॉलेज में एडमिशन लिया तो एक हजार छात्रों के बीच में मैं अकेली लडक़ी थी। आज लड़कियां बहुत आगे बढ़ गई हैं। महात्मा गांधी जी कहते थे कि एक लडक़ी पढ़ती है तो सात पीढ़ी पढ़ती हैं। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी 10 साल का अपना रोड मैप तैयार करें। आज विश्व में हर यूनिवर्सिटी अपनी रैंकिंग पर ध्यान दे रहे हैं।
बेटियों की मदद करे समाज
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि दहेज प्रथा को बंद करने के लिए समाज के हर वर्ग को आगे आना चाहिए। यही नहीं, बाल विवाह भी बंद होने चाहिए। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों को लेकर क्या किसी ने स्टडी की। स्वच्छ जल घर घर जाने से क्या हुआ, बीमारी घटी क्या। इन सब पर प्रोजेक्ट तैयार करें। चार दीवारी कर अंदर बैठे नहीं रहे।
दीक्षांत समारोह में 195 स्टूडेंट्स को 228 स्वर्ण पदक-विशिष्ट योग्यता प्रमाण पत्र मिले। यूजी-पीजी के 1 लाख 31 हजार 193 स्टूडेंट्स को अब कॉलेजों में डिग्रियां मिलेंगी। इनमें लडक़ों की संख्या 43 हजार 534 यानि 33 फीसदी और लड़कियों की संख्या 87हजार 659 हैं। जोकि 68.82 फीसदी है। वहीं, 234 स्टूडेंट्स को पीएचडी की उपाधि मिली है।
प्रायोजित मेडल भी दिए गए
एक कुलाधिपति स्वर्ण पदक, एक राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक, दो चौधरी चरण सिंह स्मृति प्रतिभा पुरस्कार, 59 प्रायोजित स्वर्ण पदक, 165 कुलपति स्वर्ण पदक दिए गए। इनके अलावा वर्ष 2021 के प्रायोजित मेडल भी दिए गए। 44 स्टूडेंट्स की पीएचडी उपाधि पर भी मुहर लगी।
दीक्षांत समारोह में सीसीएसयू के इतिहास को डॉक्यूमेंट्री के जरिए स्क्रीन पर दिखाया गया। प्रेक्षागृह के प्रवेश द्वार पर इस बार फोटो गैलरी लगाई गई। साथ ही जल का महत्व बताया गया। कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी विद्यालय के 25 बच्चों को कुलाधिपति किट दी। इसके साथ ही स्क्रीन लगाकर दीक्षांत समारोह का लाइव प्रसारण सीसीएसयू के यूट्यूब चैनल पर किया गया।
समारोह में मुख्य अतिथि आईसीएसएसआर नई दिल्ली के अध्यक्ष पदमश्री डॉ। जेके बजाज ने भी स्टूडेंट्स को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा और भारतीय सभ्यता के मूलभूत साहित्य में दीक्षांत का अहम महत्व है। यह वह संधि बेला है। जब आप जीवन की एक अवस्था को पूर्ण कर दूसरी में प्रवेश करते हैं।
जल संरक्षण का दिया संदेश
उन्होंने कहा कि हर किसी को पानी का महत्व समझना चाहिए, आज कई ऐसे राज्य हैं जहां पानी की कमी हैं। ऐसे में जल संचयन पर ध्यान दें। इस मौके पर दीप प्रज्ज्वलन से पहले मटके में पानी भरकर राज्यपाल ने जल संरक्षण का संदेश दिया।
राज्यपाल ने प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटीज को अलर्ट किया। उन्होंने कहा कि वे एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट दें, जिसमें सीसीएसयू की वीसी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी की पूरी रिपेार्ट मैंने मंगवाई जिसको मैं देख रही हूं जो भी कमियां है उनका सुधार करना होगा।
ये है कुल स्वर्ण पदक -वर्ष 2021 के शेष और 2022 के लिए कुल 165 कुलपति स्वर्ण पदकों में 45 छात्र व 120 छात्राओं को स्वर्ण पदक व प्रमाण पत्र दिए गए। - 59 प्रायोजित स्वर्ण पदक प्रदान किए दीक्षांत समारोह में - 79.66 प्रतिशत छात्राएं और 20.34 प्रतिशत छात्रों को मिले पदक - 12 छात्रों व 47 छात्राओं को मिले प्रायोजित स्वर्ण पदक 63 स्वर्ण पदक प्रदान कुलाधिपति और राज्यपाल ने पदक मंच पर दिए - 59 प्रायोजित स्वर्ण पदकों के अलावा एक-एक कुलाधिपति पदक व पूर्व राष्ट्रपति डॉ।शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक और दो चौधरी चरण सिंह स्मृति प्रतिभा पुरस्कार प्रदान
पहले एकल, फिर ग्रुप में गए मेधावी
मंच पर 63 पदकों के लिए चयनित मेधावी एक-एक कर गए। इसके अलावा अन्य मेधावियों को विभागवार नौ से 11 छात्रों के ग्रुपोंं में विभाजित किया गया। मेधावियों के अभिभावक भी दीक्षा समारोह में शामिल हुए। लड़कियों को दी बधाई
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि मैं छात्राओं को बधाई देती हूं। चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह में 75 मेडल छात्राओं को मिले। सिर्फ 33 पदक लडक़ों मिले हैं। अगर, वो 33 पदक भी लड़कियां ले जाती हैं, तो लडक़ों का क्या होता? छात्र नेता ने काले झंडे दिखाए
समारोह में राज्यपाल के पहुंचने से पहले पहले छात्र नेता अक्षय बैंसला ने हंगामा किया। तीन छात्रों समेत यूनिवर्सिटी गेट पर काला झंडा दिखाया। छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिसकर्मी तीनों को पकडक़र थाने ले गई। दो दिन मेरठ में रहेंगीं राज्यपाल
16 दिसंबर को सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह है। इसलिए राज्यपाल 2 दिन मेरठ में रहेंगी। कन्वोकेशन के बाद वे हस्तिनापुर जाएंगी। राज्यपाल बुधवार देर रात मेरठ आईं। कमिश्नर सेल्वा कुमारी, कुलपति प्रो। संगीता सहित अन्य अफसर उनके स्वागत में पहुंचे थे।
पिता को पहनाया जाकर मेडल
एमबीए से गोल्ड मेडल हासिल करने वाली निधि के पिता यूनिवर्सिटी के सामने ही चाय की दुकान चलाते हैं। निधि को मेडल मिला तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होनें अपने पिता को दुकान पर जाकर मेडल पहनाया। तो आसपास के लोगों ने तालियां बजाईं। एमआईईटी की डॉ सीमा चौधरी ने कामर्स साइड से पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर गोल्ड मेडल जीता है।