12 जुलाई तक झमाझम बारिश की संभावना
मेरठ (ब्यूरो)। वेस्ट यूपी में बारिश और मानसून ज्यादा ही मेहरबान हो गया है। जुलाई में यह दूसरी बार हुई अच्छी खासी बारिश है। सुबह के समय मौसम विभाग का आरेंज अलर्ट दोपहर बाद रेड अलर्ट में परिवर्तित हो गया। जुलाई में अब तक 89 मिलीमीटर बरसात हो गई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाली नम हवाओं का प्रवाह पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में हो रहा है। यही कारण है शनिवार को सुबह से मेघ बरसने लगे। रुक-रूक पूरे दिन पानी बरसता रहा। दोपहर एक बजे तक मेरठ से लेकर अलीगढ़ तक आरेंंज अलर्ट जारी किया था। वहीं तीन बजे मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, शामली, मुजफ्फरनगर के लिए रेड अलर्ट हो गया।
अभी तीन दिन रहेगी जारी
शाम साढ़े पांच बजे तक 24 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। मौसम सुहाना बना रहा। अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री कम 28.8 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री दर्ज किया गया।सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि यूनिवर्सिटी के मौसम केंद्र के प्रभारी डॉ। यूपी शाही ने बताया कि मानसून पूरी तरह सक्रिय है। रविवार को भी भारी बरसात का अंदेशा है। 12 जुलाई तक बरसात जारी रहने की संभावना है।
कांवड़ शिविरों में भरा पानी
सावन महीने की कांवड़ यात्रा चल रही है। कांवडिय़ों का आना हाईवे पर शुरू हो चुका है। बरसात होने के कारण कांवड़ शिविरों में भी पानी भर गया है। हालांकि इस बारिश ने कांवडिय़ों की यात्रा को थोड़ा सुगम बनाया है। मौसम अच्छा होने के कारण कांवडि़ए बिना धूप में आसानी से चल पा रहे हैं। लेकिन कांवड़ गीली होने से कंधे पर भार बढ़ गया है। सड़कों और कांवड़ शिविरों में पानी भर जाने से कांवडिय़ों को चलने और आराम में परेशानी हो रही है। शिविरों में बिजली का करंट उतरने का खतरा भी बढ़ा है।
दो दिन से हुई बारिश के कारण शहर में कई जगह पानी भर गया है। नाली, नाले और सड़क एक हो गए हैं। मुस्लिम इलाकों, नीची इलाकों में लोगों के घरों में पानी भर गया है। लोगों का घरों से आना, जाना मुश्किल हो गया है। औद्योगिक क्षेत्रों में भी पानी भरा हुआ है। सड़कों से उद्यमियों को आने-जाने मे परेशानी हो रही है।