परीक्षा शुल्क के मामले पर सीएसयू का माहौल गरमाया
मेरठ (ब्यूरो)। दरअसल, बीते दिनों यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के हित को देखते हुए पिछले साल प्रमोट हुए स्टूडेंट्स की इस साल की परीक्षा की फीस माफ करने का फैसला लिया था। मगर ये क्लीयर नहीं हो पाया था कि फीस किसकी और कब माफ होगी। हालांकि इस बाबत एक कमेटी की कुछ दिन पहले मीटिंग भी हुई। मगर उसमें भी इस संबंध में कुछ क्लीयर नहीं हो पाया। उसके बाद बीते गुरुवार को स्टूडेंट्स अधिकारियों से इस संबंध में मिलने पहुंचे तो उनका कहना था कि केवल उन रेग्युलर स्टूडेंट्स का परीक्षा शुल्क माफ किया जाएगा, जिन्होंने एक भी परीक्षा नहीं दी और प्रमोट हुए हैं।
फीस वापस करनी चाहिए
इस मुद्दे को लेकर शनिवार को स्टूडेंट्स ने सीसीएसयू में हंगामा करते हुए नारेबाजी भी की। स्टूडेंट्स का कहना था कि ऐसा कोई स्टूडेंट नहीं है, जिसने परीक्षा न दी हो। इस हिसाब से तो यूनिवर्सिटी किसी का भी परीक्षा शुल्क वापस नहीं करेगी। जबकि पिछले साल जो प्रमोट हुए है उन नौ लाख स्टूडेंट्स की करीब 15 करोड़ फीस यूनिवर्सिटी के पास है, जो वापस करनी चाहिए। मौके पर पहुंचे छात्रनेता विनित चपराना, अंकित अधाना सहित विभिन्न स्टूडेंट्स का यही कहना था कि यूनिवर्सिटी धांधली कर रही है। इस दौरान शान मोहम्मद, अमन, रजत ठाकुर, अक्षय, कपिल सैदपुरा, अनुज, आशू राठी, माइकल आदि मौके पर ही मौजूद रहे।
जब इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक अश्वनी कुमार से बात की तो उनका कहना था कि इस संबंध में वित्त नियंत्रक अधिकारी ही जानकारी दे पाएंगे क्योंकि ये मामला उनके दायरे में आता है। बाकी जो दायरा तय होगा उस हिसाब से फीस रिफंड की जाएगी। वहीं वित्त नियंत्रक सुशील कुमार का कहना है कि अभी इस तरह की चर्चाएं केवल मीटिंग में हुई थी, जो किसी ने लीक करदी। इस बाबत अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी फैसले को लेने से पहले सभी फैक्ट देखे जाते हैं, जो देखे जा रहे हैं। इस विषय पर आने वाले दिनों में मीटिंग कर अंतिम निर्णय कमेटी लेगी। क्या कहते है स्टूडेंट्स
परीक्षा शुल्क को लेकर हमने स्टूडेंट्स के हित से जुड़ा मुद्दा उठाया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन स्टूडेंट्स के साथ धोखा कर रहा है, जो हम होने नही देंगे।
अनुज गुर्जर अधिकारियों ने कहा था कि केवल उन्हीं की फीस वापस होगी, जिन्होंने एक भी परीक्षा पिछले साल नहीं दी और प्रमोट हो गए।
रजत ठाकुर
यूनिवर्सिटी ने जो पहले दायरा तय किया था उस हिसाब से तो किसी को भी शुल्क वापस नहीं होगा, ये तो सीधी धांधली है।
विजय बहादुर
अमन राणा प्राइवेट स्टूडेंट्स की भी फीस माफ होनी चाहिए, सभी की फीस वापस होनी चाहिए क्योंकि यूनिवर्सिटी के लिए सभी बराबर होने चाहिए।
बिलाल परीक्षा शुल्क सभी का माफ करना चाहिए, चाहे रेग्युलर स्टूडेंट हो या प्राइवेट। किसी भी नियम का पैमाना स्टूडेंट्स के लिए एक होना चाहिए।
नीतू प्राइवेट स्टूडेंट्स के लिए भी अगर फीस माफी की ये सुविधा हो जाएगी तो गरीब तबके के स्टूडेंट्स काफी फायदा होगा।
अंकित कुमार