शोध क्षेत्र में सीसीएसयू का एफडब्ल्यूसीआई निकला वैश्विक औसत से आगे
मेरठ ब्यूरो। सीसीएस यूनिवर्सिटी मेरठ ने पिछले पांच साल (2018-2023) में अपनी शोध उपलब्धियों से नया मुकाम हासिल किया है। एल्सवायर द्वारा जारी स्कोपस डेटा के अनुसार यूनिवर्सिटी ने शोध के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज की हैं।
1194 शोध प्रकाशन दिए614 लेखकों ने 1194 शोध प्रकाशन दिए, जो विश्वविद्यालय शिक्षकों एवं शोधार्थियों की शोध क्षमता को दर्शाते हैं। यूनिवर्सिटी ने 33 प्रतिशत प्रकाशन ओपन एक्सेस के तहत किए, जो शोध का वैश्विक स्तर पर उपलब्ध होना सुनिश्चित करता है। साथ ही, 37.3 प्रतिशत शोध क्यू1 स्तर के जर्नल्स में प्रकाशित हुए, जो यूनिवर्सिटी के शोध की गुणवत्ता का परिचायक है।
वैश्विक औसत 1.0 है
एफडब्लयूसीआई का वैश्विक औसत 1.0 है, जबकि सीसीएसयू का एफडब्लयूसीआई 1.24 है, जो यह साबित करता है कि यूनिवर्सिटी का शोध वैश्विक मानकों के अनुरूप ग्रोथ कर रहा है। प्रति प्रकाशन 12.2 प्राप्त हुए हैं, जबकि भारत का औसत 10.5 है। यह सीसीएसयू के शोधकर्ताओं के परिश्रम और समर्पण का प्रतीक है। पांच वर्षों के दौरान, यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की संख्या में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और शोध प्रकाशनों में 37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो विश्वविद्यालय की शोध यात्रा में सकारात्मक प्रगति का संकेत है।
स्कोपस और एल्सवायर क्या है
स्कोपस एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय डेटाबेस है, जो विश्वभर में प्रकाशित शोध पत्रों का संकलन करता है और एल्सवायर द्वारा संचालित है। यह डेटाबेस शोधकर्ताओं को उनके विषय के सर्वोत्तम लेखों की पहचान करने और उनके शोध की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने में मदद करता है।
सीसीएसयू हमेशा से ज्ञान और शोध की दिशा में अग्रणी रहा है। एल्सवायर की स्कोपस रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी की प्रगति हमारे शोधकर्ताओं के समर्पण और कड़ी मेहनत का परिणाम है। मुझे पूरा विश्वास है कि यूनिवर्सिटी आने वाले वर्षों में शोध के क्षेत्र में और ऊंचाइयां छुएगा। मेरी ओर से सभी शोधकर्ताओं को हार्दिक शुभकामनाए। प्रो। संगीता शुक्ला, वीसी, सीसीएसयू
प्रो। बीरपाल सिंह ,डायरेक्टर रिसर्च, सीसीएसयू मेरठ ।