फिर चला हस्तिनापुर का टोटका
मोहित शर्मा
-प्रदेश सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाती आई है सीट -दिनेश खटीक ने जीत कर फिर भाजपा के बनाया सरकार का रास्ता मेरठ। जनपद की सबसे निर्णायक हस्तिनापुर विधानसभा सीट ने एक बार फिर अपना इतिहास दोहराया है। हमेशा की तरह यहां एक बार से नवनिर्वाचित विधायक वाली पार्टी सरकार बनाने की भूमिका में आ गई है। क्या है मामला?दरअसल, मेरठ की हस्तिनापुर विधान सभा का अपना एक अनोखा इतिहास रहा है। पिछले 50 सालों के इतिहास में हस्तिनापुर से जो भी प्रत्याशी जीत का विधानसभा तक पहुंचा, सूबे में उसकी ही सरकार चुनी गई। यही कारण है कि जनपद ही नहीं बल्कि प्रदेश स्तर तक सभी राजनीतिक पार्टियों की नजर हस्तिनापुर सीट पर टिकी थी। यहीं नहीं नेता लगातार फोन पर हस्तिनापुर सीट का परिणाम जानना चाह रहे थे। वर्ष 2007 में इस सीट से योगेश वर्मा बसपा से विधायक थे और मायावती सीएम। वर्ष 2012 में सपा के प्रभुदयाल वाल्मिकी विधायक बने तो उनकी सरकार भी उनकी पार्टी की ही बनी और अखिलेश यादव सीएम। अब चूंकि 2017 में यहां से भाजपा के दिनेश खटीक ने जीत दर्ज कराई है तो भाजपा सूबे में सरकार बनाने की भूमिका में आ गई है।
जो भी जीता, उसी की सरकारसन प्रत्याशी पार्टी सरकार
1980 झग्गड़ सिंह कांग्रेस कांग्रेस 1985 हरशरण सिंह कांग्रेस कांग्रेस 1989 झग्गड सिंह कांग्रेस कांग्रेस 1996 अतुल खटीक भाजपा भाजपा 2002 प्रभुदयाल सपा सपा 2007 योगेश वर्मा बसपा बसपा 2012 प्रभुदयाल सपा सपा