बुलडोजर बाबा वाली राखी बनी पहली पसंद
मेरठ (ब्यूरो)। सदर शिवचौक की दुकान करने वाले मनु शर्मा ने बताया कि हर बार की ही तरह इस बार भी अलग-अलग तरह की राखियों का बाजार सजा हुआ है। बुलडोजर बाबा राखी के अलावा मोदी-योगी राखी की भी काफी डिमांड में है। इनका रेट 240 रुपए दर्जन से लेकर 360 रुपए दर्जन तक है। वहीं राखियों का कारोबार करने वाले होलसेलर मो। आसिफ बताते हैं कि पहले फिल्मी सितारों और लिए कार्टून करेक्टर वाली राखियां पसंद की जाती थी। लेकिन इस बार बुलडोजर वाली राखियों का खासा क्रेज है। उन्होंने बताया कि सेंथेटिक राखी से लेकर सिल्वर और गोल्ड की राखी भी बाजारों में अलग-अलग डिजाइन में उपलब्ध हैं।
भाई-भाभी की जोड़ी राखी
दुकानदार राजू कुमार ने बताया कि बाजार में राखी की बिक्री शुरू हो गई है। इस समय बाजार में पांच रुपए से लेकर 100 रुपए तक की राखी उपलब्ध हैं। जड़ी राखी, डोरी राखी, लुंबा राखी, किड्स राखी और टाय राखी शामिल हैं। इन सभी राखियों में डोरी और जड़ी राखी की बिक्री अधिक हो रही है। वहीं इस बार भाई की राखी के साथ भाभी का लुंबा सेट मिल रहा है, जिसका नाम भाई-भाभी की जोड़ी दिया गया है।
ये है राखियों के रेंट
बुलडोजर बाबा राखी- 240 रुपए से 360 रुपए दर्जन
मोदी राखी- 360 से 420 रुपए दर्जन
धागा- दस रुपए से लेकर 70 रुपए
भाई भाभी की जोड़ी राखी सेट- 80 रुपए सेट से लेकर 150 रुपए तक
पंडित उमा शंकर ने बताया कि सावन मास की पूर्णिमा 11 अगस्त को सुबह 10.38 बजे से शुरू होकर 12 अगस्त को सुबह 7.05 बजे तक रक्षाबंधन है। लेकिन 11 अगस्त को सुबह 10.38 बजे से रात्रि 8.51 बजे तक भद्रा रहेगी। भद्रा पाताल में होने के कारण इसका दोष नहीं लगेगा। इस तरह 11 अगस्त को दिन-भर बहने अपने भाई को राखी बांध सकती है। 12 अगस्त को पूर्णिमा सुबह 7.05 बजे तक रहेगी। इस दिन सूर्योदय सुबह 5.52 बजे होगा। 12 अगस्त को भी सुबह सात बजे से पहले बहनें अपने भाई को राखी बांध सकती हैं। इस बार राखियों के रेट पिछले दो सालों की तुलना में 15 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। वहीं बुलडोजर बाबा वाली राखी को लोग खूब पसंद कर रहे हैैं।
मनु, राखी विक्रेता
11 अगस्त को चंद्रमा मकर राशि में रहेगा। इसलिए मकर के चंद्र के दौरान भद्रा आ जाए तो उसका निवास पाताल लोक में रहता है। इस कथन के अनुसार भद्रा का दोष नहीं माना जाएगा। 11 अगस्त को दिन में रक्षाबंधन मनाया जा सकता है।
डॉ। अनुराधा गोयल, ज्योतिषाचार्य
कौशल वत्स, ज्योतिषाचार्य