कारोबार को बचाने के लिए कैंची कारोबारियों ने बजट में वित्त मंत्री से कुछ प्रमुख अपील की हैं कैंची कारोबारियों को उम्मीद है कि यह उनकी इन मांगों के आधार पर घोषणाएं कर दी जाएं तो कारोबारियों को बहुत राहत मिलेगी.


मेरठ (ब्यूरो)। 350 वर्ष पुराना कैंची उद्योग पिछले कुछ सालों से बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। पहले नोटबंदी और लॉकडाउन के बाद लगातार बढ़ती महंगाई की मार और बढ़ती लागत से घटती मांग ने कैंची कारोबारियों की कमर तोड़ी दी है। रही सही कसर चाइना की कैंची ने भारतीय बाजार पर काबिज होकर पूरी कर दी है। इससे मेरठ का यह हस्तशिल्प रोजगार खत्म होने की कगार पर है। इस कारोबार को बचाने के लिए कैंची कारोबारियों ने बजट में वित्त मंत्री से कुछ प्रमुख अपील की हैं कैंची कारोबारियों को उम्मीद है कि यह उनकी इन मांगों के आधार पर घोषणाएं कर दी जाएं तो कारोबारियों को बहुत राहत मिलेगी।

फिर जगी उम्मीद
गत दिनों कैंची कारोबारियों ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को पत्र लिखकर कैंची पर जीएसटी टैक्स दर 18 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी करने की मांग की थी। कारोबारियों ने कहा था कि टैक्स अधिक होने और रॉ मैटीरियल महंगा होने से व्यापार पर असर पड़ रहा है। मेरठ में कैंची बनाने का कार्य सन 1800 से हो रहा है। इस कुटीर उद्योग से 50 से 60 हजार लोग जुड़े हुए हैं। उनकी मांग थी कि पिछड़े उद्योग पर नजर डालें और विशेष पैकेज के साथ ही टैक्स दर 18 फीसदी घटाकर पूर्व की तरह पांच फीसदी की जाए। मेरठ की कैंची को चाइना की सस्ती कैची भारतीय घरेलू बाजार में टक्कर देती है, जिसकी वजह से मेरठ की कैंची की मांग घटी है।

70 हजार लोग
गौरतलब है कि मेरठ में 350 साल पुराने कैंची कारोबार का मुख्य स्थान मोहल्ला कैंचियान के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा लोहियानगर में कैंची इंडस्ट्री तेजी से स्थापित हो रही हैं। इस कारोबार में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से तकरीबन 70 हजार लोग जुड़े हैं। मेरठ के कैंचियान मोहल्ले में अधिकतर सभी घरों में सिर्फ कैंची बनाने का कारोबार होता है। कई कारोबारी तो ऐसे हैं, जिनके यहां पिछली 7 पुश्तों से यही काम होता आ रहा है। ऐसे में हजारों की संख्या में काम कर रहे कैंची कारोबारियों को पहले चाइनीज कैंची और फिर लॉकडाउन की वजह से अभी तक रोजगार पर संकट का सामना करना पड़ रहा है।

भारत सरकार ने जिस प्रकार खिलौने पर 60 प्रतिशत एंटी डंपिंग चार्ज लगाया है। उसी प्रकार कैंची पर भी लगाया जाए।
- मोहम्मद परवेज, कारोबारी

चाइना से आने वाली कैंची पर रोक लगाई जाए और मेरठ की बनी कैंची पर टैक्स कम किया जाए।
- खालिद सैफी, कारोबारी

कैंची कारखानों को बुनकरों की तरह बिजली में छूट मिलनी चाहिए, जिससे कैंची कारोबारी अपनी लागत को कम कर सके। चाइना की कैंची पर प्रतिबंध लगना चाहिए।
- बॉबी, कारोबारी

Posted By: Inextlive