मेरठ में आचार संहिता के चलते विकास कार्यों पर लगा ब्रेक
मेरठ (ब्यूरो)। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार आचार संहिता से पहले ही एमडीए की कॉलोनियों में विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये निगम को मिले थे। इन 10 करोड़ के कार्यों की अभी प्रक्रिया ही चल रही थी कि अब चुनाव की घोषणा हो गई। इसी तरह बोर्ड फंड के करीब पांच करोड़ के 18 कार्यों पर भी ब्रेक लग गया है। निगम अधिकारियों के अनुसार अब आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही कोई नया काम होगा।
पार्कों के लिए ढाई करोड़
इसके अलावा स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक हासिल करने के लिए गत वर्ष नंवबर माह में नगर निगम ने शहर के पांच पार्कों का सौंदर्यीकरण के लिए चयन किया था। इस योजना के मुताबिक नगर निगम को 15वें वित्त आयोग से 2.5 करोड़ की लागत से पार्कों के सौंदर्यीकरण का काम कराना था। मगर योजना बनने और बजट मिलने के बाद भी नगर निगम पार्कों की हालत में सुधार की कवायद को पूरा नही करा पाया। काम शुरू होने में देरी के कारण अब नए पार्कों के सौंदर्यीकरण के साथ साथ पुराने पार्कों की भी जीर्णोद्धार अधर में अटक गया है।
बनेंगे मॉडल पार्क
इस योजना के साथ ही नगर निगम को नालों के किनारे खाली पड़ी ग्रीन बेल्ट की जगह को बाउंड्री बनाकर बतौर पार्क विकसित करना था। इसके लिए शहर में कई जगह काम भी शुरू हो गया। इसमें जागृति विहार सी ब्लॉक के नाले के किनारे ग्रीन बेल्ट, शास्त्रीनगर एल ब्लॉक तिराहे से तेजगढ़ी चौराहे तक ग्रीन बेल्ट पर पार्क विकसित कर उसमें बेंच, लाइट, झूले आदि लगाकर सौंदर्यीकरण करने की योजना अधर में अटक गई है।
इसके अलावा दो साल से घोषित हो रहे वार्ड 26 शास्त्रीनगर डी-ब्लॉक के महाराणा प्रताप पार्क का भी विकास अधर में अटक गया है। जबकि यह पार्क पहले से ही स्थानीय लोगों की मेहनत से बेहतर स्थिति में हैं। निगम बार बार इस पार्क का नाम शामिल कर सौंदर्यीकरण कराने से चूक जाता है। इन पार्कों का अटका सौंदर्यीकरण
हरिकिशन पार्क, पल्लवपुरम
लख्मीविहार पार्क, जागृति विहार
महाराणा प्रताप पार्क, शास्त्रीनगर
मयूर विहार पार्क
जागृति विहार में ग्रीन बेल्ट पर पार्क आचार संहित के कारण कुछ विकास कार्य अटक गए हैं, जिनको आचार संहिता के बाद पूरा करा दिया जाएगा।
ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त