ऑनलाइन योग शिविर को लेकर हुआ मंथन
मेरठ (ब्यूरो)। यूपी संस्कृत संस्थान लखनऊ संयुक्त तत्वावधान में यूपी के 67 जनपदों में योग केंद्रों की मीटिंग हुई। यह त्रैमासिक मीटिंग नि:शुल्क योग शिविर को लेकर हुई। शिविर उद्घाटन समारोह कार्यक्रम संस्था के जनपद मेरठ योग प्रशिक्षक आशीष शर्मा ने किया। इस अवसर पर ऑनलाइन संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव ने सभी केंद्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रतिदिन योग करने से मनुष्य का सर्वांगीण विकास होता है। इससे पूर्व भी संस्थान के द्वारा अत्यन्त सफलता पूर्वक योग शिविर चलाए गए जिसमें प्रशिक्षक गण तथा शिक्षक का अभूतपूर्व योगदान रहा। उन्होंने कहा कि हमारी इस योग विद्या को वर्तमान में विदेश से भी अनेक लोग भारत आकर योग सीख रहे हैं एवं लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें योग करते हुए आत्म गौरव की अनुभूति होनी चाहिए।
वृक्षारोपण पर भी दिया जोर
इस अवसर पर योग प्रशिक्षक आशीष शर्मा ने वृक्षारोपण को करने पर जोर दिया, उन्होंने कहा कि योग के साथ ही हमें सभी को पौधरोपण के लिए लोगों को जागरूक करना है।योजना समन्वयक दिव्यरंजन ने सभी का स्वागत किया एवं बताया कि इस सत्र में राज्य के भिन्न-भिन्न जनपदों में मिलाकर कुल 67 योग कक्षाएं प्रारम्भ हो रही हैं।जिसके लिए लगभग 2200 छात्रों ने रजिस्टे्रशन किया है। सभी शिक्षकों तथा केन्द्रों प्रमुखों तथा प्रशिक्षण गण का आभार व्यक्त करते हुए सफल केन्द्रों के संचालन हेतु शुभकामनाएं प्रदान की। प्रशासनिक अधिकारी डॉ। जगदानन्द झा ने सभी को सम्बोधित किया एवं कहा कि आप सभी के सहयोग से यह अखिल प्रदेश व्यापी योजना का यह चक्र निर्विघ्न सम्पन्न होगा सभी को शुभकामनाएं एवं धन्यवाद। इस कार्यक्रम में योग प्रशिक्षक राहुल भारती तथा योग प्रशिक्षिका किरण गुप्ता ने अपने विगत सत्रों व योग का अनुभव सबके साथ साझा किया। इसी क्रम में संस्थान के पदाधिकारी प्रशासनिकाधिकारी डॉ। दिनेश मिश्र, डॉ। चन्द्रकला शाक्या, भगवान सिंह चौहान, पूनम मिश्रा, इत्यादि ने अपने विचार व्यक्त किए।
इस योजना के सर्वेक्षक महेन्द्र कुमार पाठक ने अन्त में सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया एवं सुचारु रूप से कक्षाओं के संचालन के लिए आह्वान किया। योग प्रशिक्षक डॉ। राजकुमार मिश्र ने मंगलाचरण किया। कार्यालय से शिवम गुप्ता ने कार्यालयीय प्रपत्रीय व्यवहार के विषय में जानकारी प्रदान की। प्रशिक्षण समन्वयक धीरज मैठानी, समन्वयिका राधा शर्मा ने कक्षाओं का निर्धारित पाठ्यक्रम, नियम तथा व्यवस्थापन आदि के विषय में सभी प्रशिक्षकों को निर्देश दिया।