निष्काम भाव से प्रभू का स्मरण करने से जन्म और मृत्यु सुधरते हैं
मेरठ (ब्यूरो)। श्री शिव दुर्गा मन्दिर बसंत कुंज वेलफेयर सोसाइटी की ओर से श्रीमद् भागवत कथा आयोजित की जा रही है। इसके तीसरे दिन कथा की शुरुआत भागवत आरती व विश्व कल्याण के संकल्प के साथ की गई। इस मौके पर कथा वाचक पं। गुलशन महाराज ने बताया कि मनुष्यों का क्या कर्तव्य है। इसका बोध भागवत सुनकर ही होता है। विडंबना यह है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं। निष्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले लोग अपना जन्म और मरण दोनों सुधार लेते हैं। साधारण मनुष्य माया को शाश्वत मान लेता है और अपने शरीर को प्रधान मान लेता है। जबकि शरीर नश्वर है। उन्होंने कहा कि भागवत जी बताती है कि कर्म ऐसा करो जो निष्काम हो वहीं सच्ची भक्ति है।
दक्ष प्रजापति की कथा सुनाई
सकारात्मक सोच प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है। इससे जीवन में अभूतपूर्व बदलाव आता है। महाराज जी ने दक्ष प्रजापति की कथा को भावपूर्ण प्रवाह में प्रस्तुत किया।महाराज जी ने सती अनुसूया कथा, ब्रह्मा उत्पत्ति, सृष्टि उत्पत्ति, गुरु भक्ति का प्रसंग, वामन अवतार कथा का श्रवण कराया। इसका श्रवण कर पंडाल में मौजूद सभी नर-नारी अभिभूत हो गए।
वामन अववार का प्रसंग सुनाया
वामन अवतार प्रसंग में बताया कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दंभ तथा अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता है। यह धनसंपदा क्षणभंगुर होती है। इसलिए इस जीवन में परोपकार करो। उन्होंने कहा कि अहंकार, गर्व, घृणा से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। यदि हम संसार में पूरी तरह मोहग्रस्त और लिप्त रहते हुए सांसारिक जीवन जीते है तो हमारी सारी भक्ति एक दिखावा ही रह जाएगी। कथा के दौरान वामन अवतार की झांकी दिखाई गई। कथा के तीसरे दिन मुख्य यजमान प्रमोद गर्ग, नितिन खन्ना, राजेश गुप्ता, आयूष गोयल, नमिता गुप्ता, वंदना गर्ग,सोशल गोयल सपरिवार पूजन में मौजूद रहे। पूजन के सभी कार्य आचार्य कौशल वत्स, आचार्य अमर कौशिक एवं पं संजय कपिल ने कराया। इस मौके पर अनिल रस्तोगी, सुबोध सिंघल, संजय गोयल, गिरधारी लाल आहूजा आदि मौजूद रहे।