दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल में आयोजित हुई वर्कशॉप एसपी टै्रफिक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव और मनोवैज्ञानिक डॉ। पूनम देवदत्त ने स्टूडेंट्स को महत्वपूर्ण जानकारियां दीं

मेरठ ब्यूरो। आज दुनिया बदल रही है। बच्चे हो या बुजुर्ग हर किसी के हाथ में मोबाइल है। टीनएजर्स आज के दौर में सबसे ज्यादा मोबाइल यूजर्स हैं। ऐसे में टीनएजर्स ही सबसे ज्यादा साइबर क्राइम की चपेट में आ रहे हैं। इसलिए सतर्कता बहुत जरूरी है। मोबाइल की वर्चुअल दुनिया में नॉलेज भी है और क्राइम भी। इसलिए अवेयर रहना बहुत जरूरी है। यह बात एसपी ट्रैफिक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने वर्कशॉप के दौरान स्टूडेंट्स से कही।
वर्कशॉप के दौरान दिए टिप्स
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल में फेक फ्रेंडस अभियान के तहत वर्कशॉप आयोजित की गई। कार्यक्रम की शुरूआत जीटीबी स्कूल के प्रिंसिपल डॉ। कर्मेंद्र सिंह और एसपी ट्रैफिक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। इस मौके पर उन्होंने साइबर क्राइम से निपटने के लिए उन्होंने बच्चों को टिप्स दिए।
क्राइम का बदला तरीका
एसपी ट्रैफिक जितेेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि टेक्नोलॉजी के बदलते दौर में क्राइम का तरीका भी बदल गया है। पुलिस आपको क्राइम से बचने के लिए अवेयर करती है। क्राइम का पैटर्न समय के साथ बदलता है। अब क्रिमिनल्स ने मोबाइल फोन को ऑनलाइन ठगी का जरिया बनाया है। इससे बचने की जरूरत है।
टीनएजर्स की बढ़ी प्रजेंस
जमाना मॉडर्न हो गया है और बच्चे इंटेलीजेंट। आज वाट्सऐप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, फेसबुक, स्नैपचैट आदि सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर आपकी एक्सेस है। वर्चुअल दुनिया में ज्यादा टाइम स्पेंड करते हैं। इसलिए अब इस दुनिया से जागरूक रहने की ज्यादा जरूरत है।
कोरोना ने बदले हालात
दरअसल, कोरोना के समय में बच्चों का टाइम सबसे ज्यादा मोबाइल पर बीता। कभी ऑनलाइन क्लास तो कभी इंटरटेनमेंट के लिए। बच्चे सबसे ज्यादा मोबाइल के यूजर बने। अब कोरोना तो चला गया, लेकिन मोबाइल को छोड़ गया। इससे बच्चे मोबाइल एडिक्ट हो गए। एक स्टडी के मुताबिक मोबाइल पर एक आदमी साढ़े तीन घंटे स्क्रीन टाइम देता है। लेकिन ये एवरेज पॉपुलेशन के लिए है। कुछ टीनएजर्स साढ़े छह घंटे मोबाइल चलाते हैं। इन्हें ही मोबाइल एडिक्ट कहा जाता है। ऐसे टीनएजर्स को सावधान होने की जरूरत है।
सावधानी है जरूरी
उन्होनें बताया कि एटीएम का यूज करते समय भी सावधान रहें। सुरक्षित एटीएम से ही पैसे निकालें। एटीएम में सबसे ज्यादा खतरा कार्ड क्लोनिंग से होता है। ऐसे में हैकर्स आपके कार्ड का क्लोन बना लेते हैं। आपके कार्ड की पूरी जानकारी स्कैन करते हैं। इसके बाद आपके अकाउंट से पैसे निकालते हैं।
ग्रीन लाइट का ध्यान देें
यदि आप कैश निकालने के लिए कार्ड स्लॉट में कार्ड लगाते है। तो उसमें जलने वाली लाइट पर ध्यान दें। यदि स्लॉट में ग्रीन लाइट जल रही है तो एटीएम सुरक्षित है लेकिन उसमें लाल या कोई भी लाइट नहीं जल रही है तो एटीएम को यूज न करें।
जरूरत बन गया है आज की मोबाइल
वर्कशॉप के दौरान मनोवैज्ञानिक डॉ। पूनम देवदत्त ने भी मोबाइल एडिक्शन को लेकर बच्चों को जागरुक किया। उन्होंने कहा कि आज मोबाइल हमारी जरूरत है। यह सिर्फ बात करने के लिए ही नहीं बल्कि इंटरनेट से बहुत सारी सुविधाएं लेने के लिए उपयोगी है। एक दूसरा पहलू यह भी है मोबाइल का ज्यादा उपयोग खतरनाक भी हो सकता है। साइबर क्राइम इन दिनों बहुत बढ़ रहा है। इसलिए अवेयर रहने की जरूरत है।
मोबाइल एडिक्शन से बचे
उन्होंने कहा कि बहुत ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल करने की वजह से टीनएजर्स को कई गंभीर बीमारियां भी हो रही हैं। ज्यादातर लोग रात के अंधेरे में मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। उनकी आंखों पर बहुत ज्यादा फर्क पड़ता है। छोटे बच्चों में आंखों की बीमारियां बढ़ रहीं हैं। मोबाइल फोन का बहुत ज्यादा उपयोग से मनोवैज्ञानिक अैार शारीरिक बीमारियां होती हैं। फोन पर ज्यादा बात करने से ब्रेन से जुड़ी बीमारियां भी हो जाती है। मोबाइल फोन से निकलने वाला रेडिएशन हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाता है। ब्लूटूथ और हैंडफ्री का उपयोग भी कानों की बीमारियों का कारण बनता है।
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इन बातों का रखें ध्यान

- मोबाइल फोन की ब्राइटनेस को बहुत कम रखें और डिस्टेंस बनाएं।

-बहुत लंबे समय तक मोबाइल में ना देखे। आंखों को पानी से धोएं

- मोबाइल बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने से आपको नींद न आने की समस्या हो जाती है।

-मोबाइल से बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने से आपकी गर्दन नीचे की ओर रहती है जिसकी वजह से आपको गर्दन में दर्द हो सकता है।

- मोबाइल फोन से रेडिएशन भी निकलता है। जो हमारे ब्रेन को इफेक्ट करता है। इसलिए मोबाइल से दूरी बनाएं।
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साइबर क्राइम से अवेयर रहने के लिए यह वर्कशॉप बहुत अच्छी है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की पहल का लाभ बच्चों को मिलेगा। बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिला है।
डॉ। कर्मेंंद्र सिंह, प्रिंसिपल, गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल

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वर्कशॉप के दौरान हमें कई बातेें नई पता चलीं। मोबाइल की वर्चुअल दुनिया में क्राइम बढ़ रहा है। अब हम ज्यादा सतर्क रहेंगे।
नंदनी

साइबर क्राइम से जुड़े हमने सर से बहुत से सवाल किए, जिनके हमें बहुत ही सटीक जवाब मिले। कई महत्वपूर्ण टिप्स दी गईं।
अंशिका

वर्कशॉप में हमें बताया गया कि कैसे वर्चुअल दुनिया में सतर्क रहें। ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचा जा सकता है।
अनन्या

वर्कशॉप बहुत अच्छी रही। सर और मैडम ने साइबर क्राइम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।
अर्शिता

हमने भी अपनी विभिन्न समस्याएं बताई। जिनका हमें सॉल्यूशन इस वर्कशॉप के जरिए मिला।
भव्यांश

वर्कशॉप से हमें बहुत सारी बातें पता लगी, बहुत से फैक्ट पता लगे जो हमें नहीं पता थे।
विनीत

वर्कशॉप वाकई हमारे लिए बहुत जरूरी थी। हमें सर और मैडम दोनों ने जरूरी जानकारियां दीं।
अयान

वर्कशॉप में साइबर क्राइम से जुड़ी खास जानकारियां मिलीं। हमने भी कई सेफ्टी प्वाइंट्स के बारे में सवाल पूछे।
हसन

Posted By: Inextlive