शहर में एयर पॉल्युशन बढ़ रहा है। इस कारण दमे और एलर्जी के मरीज बढ़ रहे हैं। हालत यह है कि मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में 20 से 25 फीसदी मरीज एलर्जी के पहुंच रहे हैं।

मेरठ (ब्यूरो)। त्यौहारों के सीजन के बाद शुक्रवार को खुली सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की भीड़ दिखाई दी। इसमें वायरल फीवर के बाद दूसरी संख्या सांस के मरीजों और एलर्जी के मरीजों की थी। शुक्रवार को एक्यूआई 244 रिकार्ड किया गया। जोकि पुअर कैटेगरी में था। वहीं, दिवाली पर एक्यूआई 277 था। जो वेरी कैटेगरी में था।

इन रोगों के बढ़ रहे मरीज
दीपावली के बाद वायरल निमोनिया, अस्थमा और छाती में संक्रमण जैसे मरीजों की संख्या पहले से बढऩा शुरु हो गई है। इन मरीजों को सांस लेने में कठिनाई, खांसी, बुखार, कफ और नींद न आने जैसी परेशानियां हैं। वहीं आंखों में जलन के मरीजों की संख्या में भी इजाफा होना शुरु हो गया है।

निमोनिया के भी आ रहे रोगी
वायु प्रदूषण बढऩे के कारण अधिकतर बुजुर्ग मरीज मरीज छाती में घरघराहट, सांस फूलने और अस्थमा की बीमारी के साथ सरकारी अस्पतालों में जा रहे हैं। इनमें कई ऐसे मरीज भी हैं जिन्हें पहले से अस्थमा की बीमारी नहीं थी। इन मरीजों को भर्ती कर उपचार में स्टेरायड और आक्सीजन सप्लीमेंट दिए जा रहे हैं।

मेडिकल कालेज में मरीजों की संख्या

- 1100 मरीजों की रही ओपीडी शुक्रवार को

- 361 के करीब वायरल फीवर के रहे मरीज
- 271 के करीब रहे एलर्जी के मरीज- आंख व स्कीन एलर्जी
- 119 के करीब सांस व दमे के मरीजों की रही संख्या

कोरोना से गंभीर पीडि़त रहें सावधान
वहीं, कोरोना की ग्रस्त में रह चुके मरीजों या वर्तमान में कोरोना संक्रमित मरीजों के फेफड़ों पर यह प्रदूषण खतरनाक असर पहुंचा सकता है। इस प्रदूषण से कोरोना के मरीजों के फेफड़े कमजोर हो जाते हैं। जो प्रदूषण की मार झेलने में सक्षम नहीं होते। प्रदूषण से शरीर के महत्वपूर्ण अंगों ह्रदय और फेफड़े मुख्य रूप से प्रभावित होते हैं। कोरोना संक्रमित होने पर आक्सीजन सपोर्ट पर रहे लोगों में प्रदूषण से गंभीर संक्रमण फैलने का अधिक खतरा है। ऐसे लोगों को सर्दी भी जल्दी लगेगी।

इस तरह करें बचाव-
- सुबह शाम की वॉक पर जाने से बचें
- ठंडे पेय पदार्थों से परहेज करें।
- धूम्रपान भी छोड़ दें।
- सांस के मरीज हैं और इन्हेलर ले रहे हैं तो उसे नियमित लेते रहें।
- डाक्टर से परामर्श करने के बाद ही फ्लू और निमोनिया का टीका लगवाएं।
- घर वापस आने के बाद गुनगुने पानी से गरारे करें ताकि प्रदूषित कणों के शरीर के अंदर जाने की संभावना को कम किया जा सके।
- पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं। गुनगुना पानी पीने की आदत डालें।
- बाहर से आने पर मुंह जरूर धोएं।

इसी प्रदूषण से कोरोना के मामलों में भी इजाफा हो सकता है। प्रदूषण से लंग्स के विंड पाइप की लाइनिंग में सूजन आ सकती है। प्रदूषण के कारण कोरोना वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। इसलिए जरुरी है कि कोविड का एक भी लक्षण मिलने पर टेस्ट जरूर करवाया जाए।
- डॉ प्रमोद वर्मा, सीनियर कंसल्टेंट जिला अस्पताल

इस समय कोविड के जो मरीज एसिम्प्टोमैटिक होंगे उनमें प्रदूषण की वजह से उनमें छींक, खांसी जैसी समस्या बढ़ जाएगी। समस्या यह है कि इस छींक या खांसी को लोग सिर्फ प्रदूषण की वजह से होना मान ले रहे हैं और कोविड पर ध्यान नहीं दे रहे। ऐसे में कोरोना के मामले बढऩे के चांस हैं। जरूरी है कि अगर कोविड का कोई भी लक्षण नजर आए तो टेस्ट जरूर करवाएं।
- डॉ विश्वजीत बैंबी, सीनियर फिजीशियन

Posted By: Inextlive