एक्यूआई होगी ठीक, तभी बेच सकेंगे ग्रीन पटाखे
मेरठ, (ब्यूरो)। हालांकि, प्रशासन द्वारा लगातार एक्यूआई लेवल पर नजर रखी जा रही है। जिससे कि वह मानविक होने पर ग्रीन पटाखा बाजार को मंजूरी दी जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ ग्रीन पटाखे बेचने की मंजूरी दी है। ग्रीन पटाखे भी तभी बेचे जा सकते हैैं जब शहर का एक्यूआई लेवल मानविक हो।
सामान्य नहीं है प्रदूषण स्तर
मेरठ की बात करें तो महीनेभर से हवा में प्रदूषण का लेवल सामान्य नहीं पहुंच रहा है। शुक्रवार को मेरठ का एक्यूआई लेवल 301 पर पहुंच गया था। जबकि शनिवार को भी एक्यूआई लेवल 248 रहा। यह आंकड़ा खतरनाक होता है। 100-150 तक एक्यूआई लेवल मानविक लिहाज से सेटिसफेक्ट्री होता है। जबकि 100 तक एक्यूआई लेवल का रहना इंसान के लिए गुड माना जाता है। ऐसे में ग्रीन पटाखे बेचने वाले व्यापारियों के लिए एक्यूआई लेवल मुसीबत बना हुआ है। जबकि व्यापारी प्रशासन से ग्रीन पटाखे बेचने का लाइसेंस देने की मांग कर रहे हैैं।
क्या हैैं ग्रीन पटाखे
औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की संस्था नीरी ने ऐसे पटाखों की खोज की है जो पारंपरिक पटाखों जैसे ही होते हैं। पर इनके जलने से कम प्रदूषण होता है। इससे दीपावली का मजा भी कम नहीं होता है। क्योंकि ग्रीन पटाखे दिखने, जलाने और आवाज में सामान्य पटाखों की तरह ही होते हैं। हालांकि ये जलने पर 50 फीसदी तक कम प्रदूषण करते हैं।
ग्रीन पटाखे मुख्य तौर पर तीन तरह के होते हैं। एक जलने के साथ पानी पैदा करते हैं जिससे सल्फर और नाइट्रोजन जैसी हानिकारक गैसें इन्हीं में घुल जाती हैं। इन्हें सेफ वाटर रिलीजर भी कहा जाता है। दूसरी तरह के स्टार क्रैकर के नाम से जाने जाते हैं और ये सामान्य से कम सल्फर और नाइट्रोजन पैदा करते हैं। इनमें एल्युमिनियम का इस्तेमाल कम से कम किया जाता है। तीसरी तरह के अरोमा क्रैकर्स हैैं जो कम प्रदूषण के साथ-साथ खुशबू भी पैदा करते हैं।
एक्यूआई लेवल सही मिलने पर ही ग्रीन पटाखे बेचने और फोडऩे की मंजूरी देने का शासनादेश मिला है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एक्यूआई लेवल की मानीटरिंग की जा रही है। एक-दो दिन में साफ कर दिया जाएगा कि ग्रीन पटाखे बेचने की मंजूरी दी जाएगी या नहीं। यदि एक्यूआई मानविक दृष्टि से सही मिलता है तो ग्रीन पटाखे बेचने और फोडऩे की मंजूरी दे दी जाएगी।
-दिवाकर सिंह, एडीएम सिटी, मेरठ